इंदौर में दूषित पानी से 10 लोगों की मौत, हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
दूषित पानी से हुई मौतों की संख्या बढ़ी
150 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती, सीएम ने बीमारों का हाल जाना, हाईकोर्ट ने रिपोर्ट मांगी
इंदौर, जो देश का सबसे स्वच्छ शहर माना जाता है, वहां दूषित पानी पीने के कारण अब तक 10 लोगों की जान जा चुकी है। इस मामले में इंदौर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 2 जनवरी तक स्थिति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। इंदौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रितेश इंसानी ने बुधवार को जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें नागरिकों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। कोर्ट ने त्वरित सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर का दौरा किया और विभिन्न अस्पतालों में जाकर बीमार लोगों से मुलाकात की।
बुधवार को हुईं 5 मौतें
बुधवार को भागीरथपुरा में 5 माह के अव्यान साहू सहित 4 लोगों की मौत हो गई। अव्यान की मां ने कहा कि सरकार बच्चों की मौत की जानकारी क्यों नहीं देती। निश्चित रूप से और भी बच्चे दूषित पानी का शिकार हुए होंगे। परिजनों के अनुसार, अव्यान को बाहरी दूध दिया जाता था, जिसमें पानी मिलाया जाता था।
कांग्रेस ने बनाई जांच समिति
कांग्रेस ने इस मामले की जांच के लिए 5 सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति में पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा, जयवर्धन सिंह, बदनावर विधायक भंवर सिंह शेखावत, तराना विधायक महेश परमार और सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल शामिल हैं।
भोपाल में भी बढ़ी सतर्कता
इंदौर में दूषित पानी पीने से हुई मौतों के बाद भोपाल नगर निगम भी सतर्क हो गया है। महापौर मालती राय ने नगर निगम के सब इंजीनियर, असिस्टेंट इंजीनियर और सुपरवाइजर को निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, अधीक्षण यंत्री और कार्यपालन यंत्री को निगरानी रखने के लिए कहा गया है। पीने के पानी की पाइपलाइन की जांच के लिए नगर निगम की टीम ने बुधवार को अवधपुरी में निरीक्षण किया और कुछ घरों से पानी के नमूने भी लिए।
