इंदौर में 'रण संवाद-2025' सेमिनार: भविष्य के युद्धों की नई दिशा

सेमिनार का उद्घाटन
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू में आर्मी वार कॉलेज में युद्ध, युद्धकला और संचालन पर दो दिवसीय विशेष 'रण संवाद-2025' त्रि-सेवा सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। उन्होंने सभा में युद्ध के बदलते स्वरूप पर चर्चा की और बताया कि भविष्य के युद्ध तकनीक और कूटनीति का संगम होंगे।
सेमिनार में भागीदारी
इस सेमिनार में तीनों सेनाओं के प्रमुख, रक्षा विशेषज्ञ, रक्षा उद्योग के नेता और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पेशेवर शामिल हैं। राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भविष्य के युद्ध केवल हथियारों की लड़ाई नहीं होंगे, बल्कि इसमें तकनीक, खुफिया जानकारी, अर्थव्यवस्था और कूटनीति का समावेश होगा।
युद्ध की नई परिभाषा
उन्होंने बताया कि आज का युग जटिल और बहु-क्षेत्रीय युद्धों से भरा हुआ है, जहां कोई निश्चित सिद्धांत नहीं है। यह सेमिनार तकनीक के प्रभाव पर चर्चा करने वाला पहला आयोजन है।
भारत की रक्षा नीति
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने कभी भी युद्ध की शुरुआत नहीं की है और न ही किसी के खिलाफ आक्रामकता दिखाई है। लेकिन वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति में, यदि कोई भारत को चुनौती देता है, तो देश को सख्त जवाब देना आवश्यक है। हमारी मंशा शांतिपूर्ण है, लेकिन हमारी ताकत कमजोर नहीं है।
तकनीकी प्रगति का महत्व
रक्षा मंत्री ने तकनीकी प्रगति और रणनीतिक कूटनीति के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सशस्त्र बलों से आधुनिक तकनीकों को अपनाने और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहने की अपील की।
सेमिनार का उद्देश्य
इस सेमिनार में सीडीएस जनरल अनिल चौहान, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी भी उपस्थित हैं। इसका मुख्य उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बढ़ाना और भविष्य की चुनौतियों पर विचार करना है।