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इजराइल की गाजा पर कब्जे की योजना से बढ़ी अंतरराष्ट्रीय चिंताएं

इजराइल की गाजा पर कब्जे की योजना ने न केवल फिलिस्तीनियों के लिए संकट को बढ़ाया है, बल्कि इसके सहयोगियों के लिए भी चिंता का विषय बन गई है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू के निर्णय के बाद, इजराइल की सेना ने गाजा के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है। इस पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई गई है, जिसमें वैश्विक नेताओं ने इस योजना की कड़ी आलोचना की है। जानें इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रियाएं आ रही हैं और हमास ने क्या चेतावनी दी है।
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इजराइल की गाजा पर कब्जे की योजना से बढ़ी अंतरराष्ट्रीय चिंताएं

इजराइल की गाजा पर कब्जा योजना

इजराइल गाजा योजना: गाजा पर इजराइल के पूर्ण नियंत्रण की योजना ने न केवल फिलिस्तीनियों के लिए संकट को बढ़ा दिया है, बल्कि इसके सहयोगियों के लिए भी असुविधा पैदा कर दी है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के निर्णय के बाद, इजराइल की सेना ने लगभग 75% गाजा क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है। इस कदम ने वैश्विक स्तर पर चिंता की लहर पैदा की है।


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक

आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इस मुद्दे पर एक आपात बैठक आयोजित करेगी, जिसे कई देशों के अनुरोध पर बुलाया गया है, जिनमें इजराइल के सहयोगी भी शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस योजना को 'बेहद खतरनाक' करार देते हुए कहा है कि इससे लाखों फिलिस्तीनियों की जान को गंभीर खतरा हो सकता है।


गाजा की स्थिति

गाजा पहले से ही 22 महीने के युद्ध, मानवीय संकट और व्यापक विनाश का सामना कर रहा है। ऐसे में गाजा शहर पर कब्जे की योजना नए दौर की हिंसा और विस्थापन को जन्म दे सकती है। इस निर्णय ने न केवल यूरोपीय देशों बल्कि चीन जैसे बड़े राष्ट्रों को भी विरोध करने के लिए मजबूर किया है।


इजराइल की योजना पर बढ़ती आलोचना

इजराइल के सुरक्षा मंत्रिमंडल ने नेतन्याहू की योजना को मंजूरी दी है, जिसके तहत उत्तरी गाजा शहर पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित किया जाएगा। इस निर्णय पर यूरोपीय देशों, चीन और अन्य देशों ने कड़ी आपत्ति जताई है। उनका मानना है कि यह कदम मानवीय कानूनों का उल्लंघन है और इससे पहले से ही असुरक्षित फिलिस्तीनी आबादी पर और संकट आएगा।


संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप प्रवक्ता स्टेफनी ट्रेम्बले ने कहा कि गाजा शहर पर कब्जे का निर्णय लाखों लोगों की जान को खतरे में डाल सकता है और वहां बचे हुए बंधकों की सुरक्षा भी संकट में डाल सकता है। इसके बावजूद, अब तक की अंतरराष्ट्रीय निंदा इजराइल को अपनी कार्रवाई रोकने पर मजबूर नहीं कर पाई है।


हमास की चेतावनी

हमास ने इस योजना को 'पूर्ण युद्ध अपराध' बताते हुए कहा कि यह नरसंहार, जबरन विस्थापन और जातीय सफाए के समान है। संगठन का कहना है कि इस कदम से लगभग 10 लाख लोगों की जान खतरे में पड़ जाएगी और बंधकों का 'बलिदान' हो जाएगा। हमास ने चेतावनी दी है कि इजराइल को इस 'आपराधिक अभियान' की भारी कीमत चुकानी होगी।