इजरायल-ईरान संघर्ष का भारत पर प्रभाव: क्या बढ़ेंगे तेल और खाद्य कीमतें?

इजरायल और ईरान के बीच युद्ध का प्रभाव
इजरायल-ईरान युद्ध का भारत पर असर: मध्य पूर्व के दो प्रतिकूल देश, इजरायल और ईरान, हाल के दिनों में एक-दूसरे के खिलाफ युद्धरत हैं। पिछले 48 घंटों में, दोनों देशों ने एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाने के लिए कई हमले किए हैं। ईरान ने इजरायल में व्यापक तबाही मचाई है, जिससे वैश्विक बाजार में हलचल मच गई है। अमेरिका सहित कई प्रमुख देश इस संघर्ष के निकट खड़े हैं, क्योंकि ईरान ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो भी इजरायल का समर्थन करेगा, वह ईरान का दुश्मन होगा। इजरायल ने भी ईरान के सहयोगियों पर हमले की चेतावनी दी है।
इस स्थिति में, भारत इस संघर्ष में फंस गया है, क्योंकि उसके दोनों देशों के साथ अच्छे संबंध हैं। ईरान कच्चे तेल का सबसे बड़ा उत्पादक और आपूर्तिकर्ता है, और भारत का ईरान के साथ व्यापार भी जारी है। ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र को भी बंद कर दिया है। इजरायल का कहना है कि वह ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने की अनुमति नहीं देगा, जिसके चलते उसने 13 जून को ईरान पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए। इन हमलों में तेहरान, ईरान के परमाणु स्थलों, तेल डिपो, रिफाइनरी, रक्षा मंत्रालय और आवासीय क्षेत्रों को निशाना बनाया गया।
ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए इजरायल की राजधानी तेल अवीव, रक्षा मंत्रालय और तेल डिपो पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागकर नुकसान पहुंचाया। ईरान के हमले से इजरायल को काफी क्षति हुई है। ईरान ने अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील पर बातचीत से भी इनकार कर दिया है, जबकि अन्य देश ईरान से बातचीत के लिए तैयार हैं। यदि दोनों देशों के बीच संघर्ष जारी रहा, तो इसका सबसे बड़ा प्रभाव भारत पर पड़ेगा।