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इजरायल-ईरान संघर्ष: क्या बातचीत की ओर बढ़ रहा है तेहरान?

इजरायल और ईरान के बीच चल रहे सैन्य टकराव के बीच, तेहरान ने शांति वार्ता के लिए बातचीत की इच्छा जताई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति को गंभीर बताते हुए जी-7 समिट को छोड़ने का निर्णय लिया है। ईरान ने युद्ध को रोकने और परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत फिर से शुरू करने की इच्छा व्यक्त की है, लेकिन अमेरिका के सीधे हस्तक्षेप के बिना। जानें इस संघर्ष के पांचवे दिन की घटनाएं और संभावित समाधान के बारे में।
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इजरायल-ईरान संघर्ष: क्या बातचीत की ओर बढ़ रहा है तेहरान?

इजरायल-ईरान संघर्ष का ताजा अपडेट

इजरायल-ईरान संघर्ष: इजरायल और ईरान के बीच चल रहे सैन्य टकराव के पांचवें दिन, तेहरान ने खाड़ी देशों के माध्यम से एक महत्वपूर्ण संदेश भेजा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने संकेत दिए हैं कि यदि अमेरिका इस संघर्ष में सक्रिय रूप से शामिल नहीं होता और इजरायल का समर्थन नहीं करता, तो वह शांति वार्ता के लिए तैयार है। यह संदेश अरब देशों के जरिए अमेरिका और इजरायल दोनों को भेजा गया है.


अमेरिका की प्रतिक्रिया

इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति को गंभीर बताते हुए जी-7 समिट को बीच में छोड़ने का निर्णय लिया है और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की बैठक बुलाई है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्रंप के इस कदम को 'सही समय पर लिया गया निर्णय' बताया है, जो युद्धविराम की दिशा में सहायक हो सकता है.


ईरान की बातचीत की इच्छा

ईरान ने जताई बातचीत की इच्छा: मध्य पूर्वी और यूरोपीय अधिकारियों के अनुसार, ईरान युद्ध को समाप्त करने और अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत फिर से शुरू करने के लिए इच्छुक है। हालांकि, ईरान ने स्पष्ट किया है कि वह तभी बातचीत करेगा जब अमेरिका सीधे संघर्ष में शामिल नहीं होगा. ईरान का मानना है कि स्थिति को और बिगड़ने से रोकना दोनों देशों के लिए फायदेमंद है.


संघर्ष का पांचवां दिन

इजरायल-ईरान संघर्ष का पांचवां दिन: मंगलवार को दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमले तेज कर दिए। इजरायल ने 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' नामक एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया, जिसमें ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह हमला उस समय हुआ जब ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु समझौते पर बातचीत फिर से शुरू होने वाली थी.


तेहरान और नतांज में धमाके

तेहरान और नतांज में धमाके: मंगलवार तड़के तेहरान में जोरदार धमाकों और एंटी-एयरक्राफ्ट फायरिंग की घटनाएं सामने आईं। इसी तरह की गतिविधि ईरान के नतांज शहर में भी देखी गई, जो उसकी परमाणु गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है. इजरायल के तेल अवीव में भी रात को सायरन बजे और कुछ ही देर में ईरानी मिसाइलों के हमले की पुष्टि हुई.


ट्रंप की चेतावनी

ट्रंप की चेतावनी: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर कहा, "ईरान को वह समझौता साइन कर लेना चाहिए था जो मैंने कहा था। कितनी शर्म की बात है और कितनी जानें बर्बाद हो गईं। साफ शब्दों में कहा जाए तो – ईरान को परमाणु हथियार नहीं रखने दिए जा सकते. मैंने बार-बार कहा है! सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए."


परमाणु समझौते की फिर से उम्मीद

परमाणु समझौते की फिर से उम्मीद: इन घटनाओं के बीच, 2015 में हुए ज्वाइंट कॉम्प्रिहेन्सिव प्लान ऑफ एक्शन (JCPOA) को फिर से बहाल करने की कोशिशें तेज हो गई हैं। इस समझौते का उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सीमित करना और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाना था. अमेरिका ने 2018 में इस समझौते से हाथ पीछे खींच लिए थे, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया था.


संघर्ष में हताहत

संघर्ष में हताहत: ईरानी अधिकारियों के अनुसार, अब तक इस संघर्ष में 224 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकतर नागरिक हैं. वहीं इजरायल ने 24 नागरिकों की मौत और लगभग 3,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की पुष्टि की है.