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इजरायल-ईरान संघर्ष: चीन की भूमिका और संभावित परिणाम

इजरायल और ईरान के बीच हाल ही में शुरू हुए युद्ध ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। इजरायल ने ईरान के ठिकानों पर मिसाइलों से हमला किया, जिसके जवाब में ईरान ने भी हमला किया। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस इजरायल के समर्थन में हैं, जबकि चीन और रूस की संभावित भूमिका पर चर्चा हो रही है। ईरान ने चीन से मिसाइल ईंधन की खरीद की है, जिससे युद्ध की स्थिति और भी जटिल हो गई है। इस लेख में हम इन घटनाओं के पीछे के कारणों और संभावित परिणामों पर चर्चा करेंगे।
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इजरायल-ईरान संघर्ष: चीन की भूमिका और संभावित परिणाम

इजरायल और ईरान के बीच युद्ध की शुरुआत

इजरायल-ईरान संघर्ष: हाल ही में इजरायल और ईरान के बीच युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इजरायल ने शुक्रवार को तेहरान और उसके आस-पास के प्रमुख शहरों पर मिसाइलों की बौछार की, जिसे ऑपरेशन राइजिंग लॉयन नाम दिया गया है। इस ऑपरेशन के तहत इजरायल ने ईरान के 200 से अधिक ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिनमें सैन्य ठिकाने, मिसाइल निर्माण स्थल और परमाणु वैज्ञानिकों के निवास शामिल हैं। इसके जवाब में, ईरान ने रात के समय तेल अवीव पर 100 बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। इस हमले को रोकने में इजरायल के आयरन डोम और डेविड स्लिंग जैसे रक्षा तंत्र भी असफल रहे।


युद्ध में किन देशों का समर्थन?

इस संघर्ष में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस इजरायल के साथ खड़े हैं। दूसरी ओर, ईरानी राष्ट्रपति ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत की है। सभी की नजर चीन पर भी है, क्योंकि यदि चीन और रूस ईरान का समर्थन करते हैं, तो इजरायल के साथ युद्ध का स्वरूप बदल सकता है। यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि चीन और ईरान के बीच संबंध किस प्रकार के हैं। क्या चीन ईरान को हथियारों की आपूर्ति करता है, जैसे कि पाकिस्तान को? यदि हां, तो पहले उसने कौन से हथियार भेजे हैं? इस लेख में हम इन सवालों के उत्तर जानेंगे।


चीन से ईरान की मिसाइल ईंधन की खरीद

ईरान ने चीन से हजारों टन मिसाइल ईंधन मंगाया है

चीन और ईरान के बीच सैन्य सहयोग कोई नई बात नहीं है। 1980 के दशक में ईरान-इराक युद्ध के दौरान चीन ने ईरान को हथियारों की आपूर्ति शुरू की थी। उस समय, पश्चिमी देशों से कटे ईरान के लिए चीन और उत्तर कोरिया जैसे देश मुख्य हथियार आपूर्तिकर्ता बन गए थे। हाल ही में, ईरान ने चीन से हजारों टन मिसाइल ईंधन मंगवाया है, जिससे हजारों बैलिस्टिक मिसाइलें बनाई जा सकती हैं।


ईरान को इजरायल के हमले की आशंका

ईरान को पहले से थी इजरायल के हमले की आशंका

ईरान को लंबे समय से इजरायल के हमले की आशंका थी। उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर डोनाल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू की धमकियों ने ईरान को सतर्क कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह चीन से मिसाइल ईंधन खरीदने का यह दूसरा मौका है। इससे पहले, जनवरी-फरवरी में ईरान के दो जहाजों ने चीन से 1,000 टन सोडियम परक्लोरेट लोड किया था।