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इजरायल-ईरान संघर्ष: तनाव और कूटनीतिक प्रयासों की नई लहर

इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने कूटनीतिक प्रयासों को तेज कर दिया है। ईरान ने इजरायल के हमलों के जवाब में अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस संघर्ष में अब तक कई लोग मारे जा चुके हैं, और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के ठिकानों पर हमले किए हैं। जानें इस जटिल स्थिति के पीछे की वजहें और आगे की संभावनाएं।
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इजरायल-ईरान संघर्ष: तनाव और कूटनीतिक प्रयासों की नई लहर

इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव

इजरायल-ईरान संघर्ष: इजरायल और ईरान के बीच तनाव में वृद्धि के चलते कूटनीतिक प्रयासों में तेजी आई है। ईरान के एक प्रमुख राजनयिक ने स्पष्ट किया है कि यदि इजरायल अपने हमलों को रोकता है, तो ईरान भी अपनी जवाबी कार्रवाई को समाप्त कर देगा। इस बीच, एक समाचार स्रोत के अनुसार, ईरान ने ओमान और कतर से मध्यस्थता का अनुरोध किया है ताकि वाशिंगटन के साथ परमाणु वार्ता को फिर से शुरू किया जा सके और इजरायल के हमलों को रोका जा सके।


परमाणु ठिकानों पर हमले की स्थिति

परमाणु ठिकानों पर हमला

ईरान और इजरायल के बीच युद्ध अब तीसरे दिन में प्रवेश कर चुका है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के ठिकानों पर फिर से हमले किए हैं। इजरायल ने ईरान के गैस फील्ड साइट पर हमला किया, जो कि दुनिया की सबसे बड़ी गैस फील्ड है। इजरायल के सटीक मिसाइल हमलों के कारण गैस फील्ड में आग लग गई है और उत्पादन ठप हो गया है। इसके अलावा, इजरायल ने कई अन्य ठिकानों पर भी हमले किए हैं, जिनमें परमाणु ठिकाने शामिल हैं। इस संघर्ष में अब तक 138 लोग ईरान में मारे जा चुके हैं।


ईरान की प्रतिक्रिया

‘यह तो बस शुरुआत है…’

ईरान ने कल रात 50 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं, जिनमें से कुछ ने अपने लक्ष्यों को भेद लिया है। इस हमले में इजराइल में सात लोगों की मौत हो गई है। इस बीच, इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ईरान को चेतावनी दी है कि यदि वह नहीं रुकता है, तो यह केवल शुरुआत है। उन्होंने कहा कि भविष्य में ईरान में और भी बड़े हमले किए जाएंगे। इजरायल के हमलों ने ईरान को भारी नुकसान पहुँचाया है, जिसमें उसके शीर्ष सैन्य कमांडरों की मौत और परमाणु कार्यक्रम का नाश शामिल है।


इजरायल का नया हमला

इजराइल के निशाने पर ईरान की तेल शक्ति

शुक्रवार सुबह इजरायल द्वारा ईरानी शहरों पर किए गए बमबारी के बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई है। इजरायल ने एक साथ कई सैन्य ठिकानों और परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया। हालिया हमले में तेल और गैस डिपो को भी लक्षित किया गया है। इजरायल ने ईरान की तेल शक्ति को कमजोर करने का निर्णय लिया है, जिससे उसकी परमाणु सुविधाओं पर भी असर पड़ा है।