इजरायल-ईरान संघर्ष पर मौलाना अरशद मदनी की कड़ी प्रतिक्रिया

इजरायल द्वारा ईरान पर हमलों की आलोचना
इजरायल-ईरान संघर्ष: जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने हाल ही में इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हमलों की तीखी निंदा की है। उन्होंने इसे "राज्य प्रायोजित आतंकवाद" और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन बताया। उनका कहना है कि इजरायल ने जिस तरह से ईरान के परमाणु स्थलों और आवासीय क्षेत्रों को निशाना बनाया, वह संयुक्त राष्ट्र चार्टर और वैश्विक नियमों का उल्लंघन है। मौलाना मदनी ने यह भी कहा कि इजरायल की यह आक्रामकता अमेरिका और पश्चिमी देशों के समर्थन के बिना संभव नहीं है।
अमेरिका पर गंभीर आरोप
मौलाना मदनी ने अमेरिका को "हथियारों का सौदागर" और "मानवता का दुश्मन" करार देते हुए आरोप लगाया कि अमेरिका उन मुस्लिम देशों को निशाना बना रहा है जो आत्मनिर्भरता और अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं।
इजरायल की आक्रामकता पर चिंता
उन्होंने कहा कि पहले इराक को आत्मनिर्भरता की सजा दी गई, और अब ईरान को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह अपने रक्षा क्षेत्र को मजबूत कर रहा है। इजरायल की मंशा स्पष्ट है; जो भी देश उनकी दादागिरी का विरोध करेगा, उसे नष्ट कर दिया जाएगा, और यह सब अमेरिका की मदद के बिना संभव नहीं है।
सऊदी अरब की आलोचना का स्वागत
मौलाना मदनी ने सऊदी अरब द्वारा इजरायल के हमलों की आलोचना का स्वागत किया, इसे मुस्लिम समुदाय में एकता की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इजरायल को नहीं रोका गया, तो उसकी आक्रामकता पूरे क्षेत्र को युद्ध में झोंक सकती है।
गाजा में हिंसा के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया
गाजा में जारी हिंसा का उल्लेख करते हुए, उन्होंने अमेरिका को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि अमेरिका न केवल गाजा में हो रहे विनाश का समर्थन कर रहा है, बल्कि उसकी मंशा गाजा को खाली कर यहूदी बस्तियों को बढ़ावा देना है। यह इतिहास का सबसे भयानक नरसंहार है, जो अमेरिका के इशारे पर हो रहा है।
इस्लामी दुनिया से एकजुट होने की अपील
मौलाना मदनी ने अमेरिका की आलोचना करते हुए कहा कि एक ओर वह गाजा में इजरायल की हिंसा का समर्थन करता है, और दूसरी ओर ईरान पर हमलों में भी उसकी मदद कर रहा है। उन्होंने मुस्लिम देशों और न्यायप्रिय वैश्विक समुदाय से इस महत्वपूर्ण समय में एकजुट होने की अपील की।
उन्होंने कहा कि जब गाजा को नष्ट किया जा रहा है और स्वतंत्र देशों पर हमले हो रहे हैं, तो पूरे मुस्लिम जगत और न्यायप्रिय ताकतों को चुप नहीं रहना चाहिए। यह केवल बयानबाजी का समय नहीं है, बल्कि एकजुट होकर जवाब देने का समय है।