इजरायल-ईरान संघर्ष में बढ़ती हिंसा: मिसाइलों और ड्रोन का आदान-प्रदान

संघर्ष की तीव्रता में वृद्धि
इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष ने अब आठवें दिन में प्रवेश कर लिया है, जिसमें दोनों देशों ने एक-दूसरे पर मिसाइलों और ड्रोन से हमले किए हैं। इजरायल ने ईरान के परमाणु स्थलों पर बमबारी की, जबकि ईरान ने क्लस्टर हथियारों से लैस मिसाइलों का उपयोग कर जवाबी कार्रवाई की। यह पहली बार है जब इस प्रकार के हथियारों का उपयोग किया गया है, जिसमें एक इजरायली अस्पताल को भी नुकसान पहुंचाने वाला हमला शामिल है। यह घटनाक्रम एक सप्ताह से चल रहे हवाई युद्ध में एक महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है, जिसमें किसी भी प्रकार की कमी या कूटनीतिक समाधान के संकेत नहीं मिल रहे हैं।
नेतन्याहू की चेतावनी
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि ईरान के नेतृत्व को अस्पताल पर हमले की पूरी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि इजरायल अपने सैन्य अभियान में निर्धारित समय से आगे बढ़ रहा है, जो पहले की अपेक्षाओं से भी अधिक है।
अमेरिका की सैन्य सहायता पर विचार
इस बीच, व्हाइट हाउस ने जानकारी दी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अगले दो हफ्तों में यह तय करेंगे कि अमेरिका इजरायल को सैन्य सहायता देगा या नहीं। यह तब हुआ जब व्हाइट हाउस ने कहा कि ईरान कुछ हफ्तों में परमाणु हथियार बना सकता है, यदि अयातुल्ला अली खामेनेई से हरी झंडी मिलती है।
इजरायल के सैन्य हमले
इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने ईरान के सैन्य और परमाणु स्थलों पर हमले जारी रखे हैं, जिसमें ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया है। नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल के पास ईरान की सभी परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाने की क्षमता है, जिसमें फोर्डो साइट भी शामिल है।
ईरान का जवाबी हमला
ईरान ने भी इजरायल पर ड्रोन और मिसाइलों की बौछार की। इजरायली सेना ने आरोप लगाया है कि ईरान ने क्लस्टर हथियारों से लैस मिसाइलें दागी हैं, जो इस संघर्ष में ऐसे हथियारों के उपयोग की पहली रिपोर्ट है।
मेडिकल बिल्डिंग पर हमला
हाल ही में, ईरान ने दक्षिणी इजरायल में एक मेडिकल बिल्डिंग पर हमला किया, जिससे भारी नुकसान हुआ। इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस हमले में 71 लोग घायल हुए, जिनमें से अधिकांश को हल्की चोटें आईं या घबराहट के दौरे पड़े।
वाशिंगटन और तेहरान के बीच तनाव
व्हाइट हाउस ने यह भी कहा कि यदि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की मंजूरी मिल जाए, तो ईरान कुछ सप्ताह में परमाणु हथियार बना सकता है। यह घोषणा इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच वाशिंगटन और तेहरान के बीच बढ़ते तनाव के संदर्भ में की गई है।