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इजरायल-ईरान संघर्ष में बराक-8 प्रणाली की सफलता

हाल ही में, भारत और इजरायल के सहयोग से विकसित 'बराक-8' वायु रक्षा प्रणाली ने इजरायली वायुसेना द्वारा एक ईरानी ड्रोन को नष्ट करके अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। यह घटना ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुई, जो भारत-इजरायल रक्षा सहयोग की महत्ता को उजागर करती है। जानें इस प्रणाली की विशेषताएँ और इसके विकास में भारत की भूमिका के बारे में।
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इजरायल-ईरान संघर्ष में बराक-8 प्रणाली की सफलता

इजरायल-ईरान संघर्ष: बराक-8 की ताकत का प्रदर्शन

इजरायल-ईरान संघर्ष: भारत और इजरायल के संयुक्त प्रयास से विकसित 'बराक-8' वायु रक्षा प्रणाली ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। इजरायली वायुसेना ने इस प्रणाली का उपयोग करते हुए तेल अवीव की ओर बढ़ रहे एक ईरानी ड्रोन को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। यह घटना ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुई, जिसने भारत-इजरायल रक्षा सहयोग की रणनीतिक महत्ता को उजागर किया है।


बराक-8 प्रणाली की विशेषताएँ

ईरान-इजरायल की जंग में 'बराक-8' मिसाइल का दमदार आगाज

बराक-8 एक अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली है, जो हवा में मार करने वाली मिसाइलों, ड्रोनों और अन्य खतरों को रोकने में सक्षम है। इस प्रणाली को विभिन्न कठिन परिस्थितियों में जमीन और समुद्र दोनों तरह के परिदृश्यों में आजमाया गया है। भारत ने इस प्रणाली का उपयोग 'ऑपरेशन सिंदूर' में किया, जहां हरियाणा के सिरसा के ऊपर एक पाकिस्तानी फतह-2 मिसाइल को रोका गया, जो संदेहास्पद रूप से दिल्ली की ओर बढ़ रही थी। इस सफलता ने बराक-8 की सटीकता और विश्वसनीयता को साबित किया।


भारत और इजरायल का रक्षा सहयोग

'ऑपरेशन सिंदूर' में भारत ने भी पाकिस्तान को चटाई थी धूल

इजरायल द्वारा 'बराक-8' का उपयोग न केवल इस प्रणाली की तकनीकी क्षमता को दर्शाता है, बल्कि भारत और इजरायल के बीच गहरे रक्षा सहयोग को भी रेखांकित करता है। यह प्रणाली लंबी दूरी तक हवाई खतरों को भांपने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम है, जो इसे आधुनिक युद्ध के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार बनाती है। इस घटना ने वैश्विक मंच पर भारत की रक्षा तकनीक की बढ़ती ताकत को प्रदर्शित किया है।


बराक-8 का विकास

भारत की डीआरडीओ और इजरायल की रक्षा कंपनियों ने बनाया 'बराक-8' का डिजाइन

'बराक-8' का डिजाइन और विकास भारत की डीआरडीओ और इजरायल की रक्षा कंपनियों के सहयोग से हुआ है। यह प्रणाली भारतीय नौसेना और वायुसेना में पहले से ही तैनात है और अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना रही है। इस सफलता से भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक को वैश्विक मान्यता मिली है, जो आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को और मजबूत करता है। इस घटना ने न केवल 'बराक-8' की प्रभावशीलता को साबित किया, बल्कि भारत की रक्षा क्षेत्र में बढ़ती ताकत और वैश्विक सहयोग की मिसाल भी पेश की।