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इजरायल और ईरान के बीच संभावित युद्ध: सैन्य क्षमताओं का विश्लेषण

मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, हालिया घटनाओं ने संभावित युद्ध की आशंका को जन्म दिया है। ईरान के नतांज परमाणु केंद्र पर इजरायल के हमले ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इस लेख में, हम दोनों देशों की सैन्य क्षमताओं, वायु शक्ति और समुद्री ताकत का विश्लेषण करेंगे। जानें कि कौन सी शक्ति इस टकराव में विजयी हो सकती है और क्या ईरान की पुरानी तकनीक इजरायल की आधुनिक क्षमताओं के सामने टिक पाएगी।
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मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव

मध्य पूर्व की गर्मी में एक और युद्ध की संभावना बढ़ रही है। इजरायल द्वारा ईरान के नतांज स्थित परमाणु केंद्र पर हमले के बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई है। इस हमले ने न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाला है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को भी संकट में डाल दिया है। ईरान ने इसे 'सीधे युद्ध की घोषणा' के रूप में देखा है और कहा है कि इसका जवाब दिया जाएगा। इस संदर्भ में, यह जानना महत्वपूर्ण है कि यदि यह टकराव पूर्ण युद्ध में बदलता है, तो कौन सी शक्ति विजयी होगी। आइए दोनों देशों की सैन्य क्षमताओं, वायु शक्ति और समुद्री प्रभाव का विश्लेषण करते हैं।


ईरान के पास वर्तमान में लगभग 6.1 लाख सक्रिय सैनिक हैं, और 3.5 लाख रिजर्व बल भी तैयार हैं, जिससे कुल सैनिक संख्या लगभग 11 लाख हो जाती है। इसके अलावा, ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) में 1.5 लाख विशेष सैनिक शामिल हैं। इस प्रकार, ईरान की थलसेना आकार में बड़ी और आक्रामक है।


दूसरी ओर, इजरायल का सक्रिय बल 1.7 लाख है, लेकिन इसके पास 4.65 लाख प्रशिक्षित रिजर्व सैनिक हैं जो किसी भी समय मोर्चे पर जा सकते हैं। इस प्रकार, इजरायल की कुल सैन्य संख्या लगभग 6.35 लाख है। संख्या में ईरान का पलड़ा भारी है, लेकिन इजरायल की ताकत उसकी प्रशिक्षण प्रणाली, तकनीक और युद्ध रणनीति में निहित है। हर सैनिक यहां उच्च तकनीकी उपकरणों और डिजिटल युद्ध प्रणाली में प्रशिक्षित होता है।


हवाई शक्ति का विश्लेषण

हवा में इजरायल की पकड़ मजबूत मानी जाती है। इसके पास 612 सैन्य विमान हैं, जिनमें 240 फाइटर जेट्स शामिल हैं, विशेषकर अमेरिका से प्राप्त F-35 जैसे स्टील्थ जेट्स। इसके अलावा, 48 अटैक हेलिकॉप्टर और 'आयरन डोम' मिसाइल डिफेंस सिस्टम इजरायल की रक्षा को और मजबूत बनाता है। हाल ही में, ईरान द्वारा छोड़े गए 100 ड्रोन्स को इजरायल ने सीमा पर रोक दिया, जो उसकी उन्नत डिटेक्शन तकनीक को दर्शाता है।


ईरान के पास 551 विमान हैं, जिनमें 186 फाइटर जेट्स और 13 अटैक हेलिकॉप्टर शामिल हैं। हालांकि, इनमें से अधिकांश पुराने सोवियत युग के मॉडल पर आधारित हैं। ईरान अपनी क्षमताओं को ड्रोन तकनीक और मिसाइल हमलों के माध्यम से बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन वह अभी भी इजरायल के आधुनिक वायु रक्षा ढांचे के सामने कमजोर नजर आता है।


समुद्री ताकत का मुकाबला

नौसेना के मोर्चे पर ईरान की स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर है। उसके पास 107 सैन्य पोत हैं, जिनमें 25 पनडुब्बियां शामिल हैं। हालांकि, अधिकांश तकनीक पुरानी मानी जाती है। फिर भी, फारस की खाड़ी और होरमुज़ की खाड़ी में ईरानी जहाजों की मौजूदगी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।


इजरायल की नौसेना अपेक्षाकृत छोटी है, जिसमें केवल 62 पोत हैं, जिनमें 5 उन्नत पनडुब्बियां शामिल हैं। लेकिन इजरायल की ताकत उसकी उन्नत संचार प्रणाली, समुद्री ड्रोन सिस्टम और GPS-गाइडेड टारगेटिंग तकनीक में निहित है।