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इजरायल का ईरान पर हमला: पीएम मोदी और नेतन्याहू के बीच बातचीत

इजरायल ने ईरान पर एक बड़ा हमला किया, जिसमें कई लोग मारे गए। इस हमले के बाद, पीएम मोदी ने नेतन्याहू से बातचीत की और क्षेत्र में शांति की आवश्यकता पर जोर दिया। दोनों नेताओं के बीच हुई चर्चा से यह स्पष्ट होता है कि भारत इस तनावपूर्ण स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। जानें इस हमले के पीछे की कहानी और इसके संभावित परिणाम क्या हो सकते हैं।
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इजरायल का ईरान पर हमला: पीएम मोदी और नेतन्याहू के बीच बातचीत

इजरायल का ऑपरेशन रायजिंग

इजरायल ने हाल ही में ईरान पर एक बड़ा हमला किया, जिसे ऑपरेशन रायजिंग नाम दिया गया है। इस हमले में 78 लोगों की जान गई, जिनमें ईरान के प्रमुख कमांडर भी शामिल थे। इसके साथ ही, तीन न्यूक्लियर वैज्ञानिकों की भी हत्या की गई। इस हमले के बाद ईरान में हड़कंप मच गया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस स्थिति को देखते हुए सभी एयरबेस को बंद कर दिया और आपातकाल की घोषणा की।


रात के समय, ईरान ने इजरायल की ओर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागी, जिससे इजरायल में एक महिला की मौत की खबर आई है। इस हमले के बाद, नेतन्याहू ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं के बीच ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव पर चर्चा हुई।


मोदी का शांति का संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने नेतन्याहू से बातचीत के दौरान क्षेत्र में शांति और स्थिरता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि नेतन्याहू ने उन्हें मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी और उन्होंने भारत की चिंताओं को साझा किया।


इजरायल ने ईरान पर हमला किया, जिसमें कई शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए और महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह हमला 1980 के दशक के बाद से ईरान पर सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। भारत ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और दोनों पक्षों से तनाव बढ़ाने से बचने का आग्रह किया है।


वैश्विक नेताओं के साथ बातचीत

प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि नेतन्याहू ने जर्मन चांसलर, भारतीय प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सहित कई वैश्विक नेताओं से बातचीत की है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति, रूसी राष्ट्रपति और ब्रिटिश प्रधानमंत्री से भी बात करने की योजना बनाई है।


वैश्विक नेताओं ने ईरान की धमकियों के संदर्भ में इजरायल की सुरक्षा आवश्यकताओं को समझा है। भारत ने भी इस स्थिति पर बारीकी से नजर रखने की बात कही है।