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इजरायल का ईरान पर हमला: हवाई मार्गों का रहस्य

इजरायल ने हाल ही में ईरान पर एक बड़ा हमला किया है, जिसमें उसने कई महत्वपूर्ण स्थानों को निशाना बनाया। इस हमले में जॉर्डन का समर्थन स्पष्ट है, लेकिन यह जानना दिलचस्प है कि इजरायल ने किस अन्य देश का सहयोग लिया। क्या यह सऊदी अरब था या कोई और? इस लेख में हम उन संभावित हवाई मार्गों का विश्लेषण करेंगे, जिनका उपयोग इजरायल ने इस हमले के लिए किया। जानें इस हमले के पीछे की रणनीति और इसके संभावित परिणाम।
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इजरायल का ईरान पर हमला: हवाई मार्गों का रहस्य

इजरायल का ईरान पर हमला

इजरायल का ईरान पर हमला: इजरायल ने ईरान को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए एक बड़ा हमला किया, जबकि वह इराक के साथ सीमा साझा नहीं करता। इस हमले में लगभग 100 स्थानों को निशाना बनाया गया, जिसमें तेहरान के परमाणु केंद्र भी शामिल थे। इस संदर्भ में यह सवाल उठता है कि इजरायल ने किस देश के हवाई मार्ग का उपयोग किया। इस सफल ऑपरेशन में कम से कम दो देशों का सहयोग शामिल था। हालांकि, जॉर्डन ने खुलकर इजरायल का समर्थन किया है, जिससे यह सवाल उठता है कि दूसरा सहयोगी देश कौन हो सकता है।


इजरायल ने किन मार्गों का किया उपयोग

ईरान पर हमले के लिए इजरायल ने कम से कम 5 संभावित हवाई मार्गों का उपयोग किया। इनमें से कुछ मार्ग सीधे हैं, जबकि अन्य में तीसरे देशों की अनुमति या गुप्त योजनाएं शामिल हो सकती हैं। इजरायल के हमले के बाद यह सवाल उठता है कि उसने किन रास्तों का उपयोग किया। सबसे पहले जॉर्डन का नाम सामने आता है, क्योंकि जॉर्डन और इजरायल के बीच की मित्रता किसी से छिपी नहीं है। इसलिए यह संभव है कि इजरायल ने जॉर्डन के माध्यम से हमला किया हो।


इजरायल के लिए आसान रास्ता

सूत्रों के अनुसार, जॉर्डन के जरिए इराक की हवाई सीमा पार करना इजरायल के लिए आसान है, लेकिन इराक की अनुमति के बिना यह खतरनाक भी हो सकता है। माना जा रहा है कि इराक में अमेरिका की सैन्य उपस्थिति के कारण इजरायल ने यहां से गुप्त अनुमति प्राप्त की होगी। यह कयास इसलिए भी लगाए जा रहे हैं क्योंकि 1981 में इजरायल ने ओसिराक रिएक्टर पर हमले के लिए इसी मार्ग का उपयोग किया था। नक्शे पर देखा जा सकता है कि इजरायली लड़ाकू विमान इस रास्ते से हमले के बाद आसानी से लौट सकते हैं।


सऊदी अरब का संभावित सहयोग

हालांकि सऊदी अरब सार्वजनिक रूप से इजरायल का समर्थन नहीं करता, लेकिन वह ईरान का विरोधी है। कई रिपोर्टों में संकेत मिले हैं कि इजरायली ड्रोन या जेट ने सऊदी एयरस्पेस का उपयोग किया है, भले ही यह सीमित समय के लिए हो। ऐसे में यह माना जा सकता है कि यदि कोई बड़ा ऑपरेशन होता है, तो इजरायल सऊदी क्षेत्र से होकर इस मिशन को पूरा कर सकता है। हालांकि, यह मार्ग चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि सऊदी से तेहरान की दूरी काफी अधिक है। इस दौरान इजरायली विमान पकड़े जा सकते हैं।


किस देश ने ईरान को धोखा दिया?

अमेरिका इस समय सीरिया और इराक पर दबाव बना रहा है। ऐसे में यह संभावना है कि यह हमला सीरिया और इराक के हवाई मार्ग से किया गया हो। हालांकि, यह मानना मुश्किल है कि दोनों देश ईरान के खिलाफ जा सकते हैं। इसलिए इसकी संभावना कम मानी जा रही है। फिर भी, यह पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता कि इजरायल ने इनमें से किसी एक मार्ग का उपयोग किया है। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इराक, सीरिया, सऊदी या जॉर्डन में से किसने ईरान को धोखा दिया।