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इजरायल का ईरान पर हवाई हमला: क्या है इसके पीछे की सच्चाई?

इजरायल ने 13 जून को ईरान पर एक बड़ा हवाई हमला किया, जिसे ऑपरेशन राइजिंग लायन कहा गया। इस हमले का उद्देश्य ईरान के परमाणु स्थलों को निशाना बनाना था। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इसे इजरायल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण बताया। ईरान ने इस हमले के बाद स्थिति को तनावपूर्ण बताया है। अमेरिका ने इस हमले से खुद को अलग कर लिया है, जबकि ईरान ने इजरायल पर आक्रामकता फैलाने का आरोप लगाया है। क्या यह संघर्ष और बढ़ेगा? जानें इस लेख में।
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इजरायल का ईरान पर हवाई हमला: क्या है इसके पीछे की सच्चाई?

इजरायल का नया सैन्य अभियान

इजरायल का हवाई हमला ईरान पर: 13 जून को इजरायल ने ईरान की धरती पर एक बड़ा हवाई हमला किया, जिससे यह पुराना संघर्ष एक नए और गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है। इस सैन्य अभियान, जिसे ऑपरेशन राइजिंग लायन कहा गया, में कई इजरायली फाइटर जेट्स ने ईरान के परमाणु स्थलों, मिसाइल निर्माण केंद्रों और प्रमुख सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाया। तेहरान और नतांज में जोरदार धमाकों की सूचना मिली है।


नेतन्याहू का बयान

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले को इजरायल के इतिहास में एक 'महत्वपूर्ण क्षण' बताया है। वहीं, ईरान में स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है, और इस टकराव में अमेरिका की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं।


हमले का कारण

हमले के पीछे की वजह: इजरायल का कहना है कि ईरान ने इतनी मात्रा में यूरेनियम जमा कर लिया है कि वह कुछ ही दिनों में 15 परमाणु बम बना सकता है। इसी चिंता के चलते नेतन्याहू सरकार ने यह कदम उठाया, जिसे वह 'अस्तित्व की लड़ाई' मानती है।


हालांकि, ईरान ने हमेशा इस बात से इनकार किया है कि वह परमाणु हथियार बना रहा है। तेहरान ने इजरायल पर आक्रामकता और क्षेत्रीय अस्थिरता फैलाने का आरोप लगाया है। इसके अलावा, ईरान हमास और हिज़्बुल्लाह जैसे संगठनों के माध्यम से इजरायल की सुरक्षा के लिए लगातार खतरा बना हुआ है।


अमेरिका की प्रतिक्रिया

अमेरिका की भूमिका: अमेरिका, जो इजरायल का पुराना सहयोगी है, ने इस हमले से खुद को आधिकारिक रूप से अलग कर लिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा, "आज रात इजरायल ने ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की है। अमेरिका इसमें शामिल नहीं है और हमारी प्राथमिकता अमेरिकी बलों की सुरक्षा है।"


पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा था कि इजरायल का हमला संभव है, लेकिन उन्होंने शांति की उम्मीद जताई थी। अमेरिका ने इराक, जॉर्डन और खाड़ी देशों में अपने गैर-जरूरी कर्मचारियों को हटा लिया और अपनी सेना को सतर्क कर दिया है।


इजरायल-ईरान संघर्ष की जड़ें

संघर्ष की असली वजह: यह टकराव केवल परमाणु कार्यक्रम तक सीमित नहीं है। यह एक विचारधारात्मक और रणनीतिक संघर्ष है। इजरायल ईरान को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है, क्योंकि तेहरान खुले तौर पर यहूदी राष्ट्र को मिटाने की बात करता है और उन संगठनों को मदद देता है जो इजरायल पर हमले करते हैं।


वहीं, ईरान खुद को 'इस्लामी प्रतिरोध' का केंद्र मानता है और इजरायल की वैधता को चुनौती देता है। दोनों देश अब तक छद्म युद्ध, साइबर हमलों और गुप्त अभियानों के ज़रिये एक-दूसरे से लड़ते रहे थे, लेकिन अब यह संघर्ष खुलकर सामने आ गया है।


हालात कैसे बिगड़े?

बिगड़ते हालात:



  • 7 अक्टूबर 2023: हमास ने इजरायल पर बड़ा हमला किया, जिसमें 1,100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।


  • 17 अक्टूबर 2023: ईरान ने चेतावनी दी, हिज्बुल्लाह ने उत्तर से मोर्चा खोला।


  • दिसंबर 2023–मार्च 2024: इजरायल ने सीरिया में IRGC नेताओं को निशाना बनाया।


  • 1 अप्रैल 2024: दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हमला, जनरल जहेदी मारे गए।


  • 13–14 अप्रैल 2024: ईरान ने पहली बार सीधे इजरायल पर हमला किया।


  • 19 अप्रैल 2024: इजरायल ने ईरान में रडार स्टेशन को उड़ाया।


  • 31 जुलाई 2024: तेहरान में हमास नेता की हत्या।


  • सितंबर 2024: हिज्बुल्लाह प्रमुख और ईरानी डिप्टी कमांडर की मौत।


  • 1 अक्टूबर 2024: ईरान ने 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं।


  • 26 अक्टूबर 2024: इजरायल ने 'डेज ऑफ रिपेंटेंस' ऑपरेशन चलाया।


  • जनवरी–मार्च 2025: यमन, सीरिया, इराक में छद्म युद्ध तेज हुआ।


  • अप्रैल–जून 2025: IAEA ने ईरान पर पारदर्शिता घटने की बात कही।


  • 13 जून 2025: ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत इजरायली हमला।



भविष्य की संभावनाएँ

आगे क्या हो सकता है? अब सभी की नजरें ईरान पर टिकी हैं। प्रतिशोध तय है चाहे वह मिसाइल हमलों के ज़रिये हो, प्रॉक्सी संगठनों के ज़रिये या साइबर हमलों के माध्यम से। पूरा पश्चिमी एशिया युद्ध की कगार पर खड़ा है।


यह अब छाया युद्ध नहीं रह गया। दोनों देश एक-दूसरे के रणनीतिक ठिकानों पर खुला हमला कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यही है कि क्या कूटनीति अभी भी इस तबाही को रोक सकती है?