इजरायल का ऑपरेशन राइजिंग लॉयन: मोसाद की महत्वपूर्ण भूमिका
इजरायल का नया सैन्य अभियान
इजरायल का ऑपरेशन राइजिंग लॉयन: विशेषज्ञों की चिंताएं शुक्रवार को सही साबित हुईं जब इजरायली वायुसेना ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन शुरू किया, जिसमें ईरान के परमाणु स्थलों और सैन्य अधिकारियों को लक्ष्य बनाया गया। इस ऑपरेशन में मोसाद की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही।
मोसाद की रणनीति
इजरायल के अधिकारियों के अनुसार, मोसाद ने ईरानी मिसाइल क्षमताओं को कमजोर करने के लिए एयर डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय किया। यह ऑपरेशन तीन चरणों में किया गया।
ड्रोन और मिसाइलों का उपयोग
मोसाद ने ईरान के भीतर विस्फोटक ड्रोन बेस स्थापित किए और उन्हें सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से निशाना बनाया। गुरुवार रात को इन ड्रोन को सक्रिय किया गया, जिससे ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला किया गया। इस ऑपरेशन में इजरायल ने कई वर्षों की खुफिया जानकारी और तकनीक का उपयोग किया।
निर्णायक हमले की तैयारी
रिपोर्टों के अनुसार, इजरायल की सेना और खुफिया एजेंसियों ने ईरान के खिलाफ निर्णायक हमले के लिए विस्तृत खुफिया जानकारी एकत्र की। इसमें ईरान के सुरक्षा प्रतिष्ठानों और परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख व्यक्तियों पर वर्षों की निगरानी शामिल थी। कई लक्ष्यों को ऑपरेशन के दौरान निशाना बनाया गया।
ईरान की हवाई सुरक्षा को नष्ट करना
ऑपरेशन के दूसरे चरण में, ईरान की हवाई सुरक्षा को बेअसर किया गया। मोसाद ने उन्नत हमला प्रणाली को मोबाइल प्लेटफार्मों पर तैनात किया, जिससे इजरायली विमानों के लिए रास्ता साफ हो गया। तीसरे चरण में, मोसाद ने ईरान के भीतर ड्रोन सुविधाओं में घुसपैठ करने के लिए पहले से स्थापित नेटवर्क का लाभ उठाया।
सफलता की ओर एक कदम
जब इजरायल ने ऑपरेशन शुरू किया, तो उसने एस्फादाबाद बेस के पास सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल लांचर को निशाना बनाया, जिसे इजरायल के लिए एक बड़ा खतरा माना जाता था। इस हमले ने इजरायली लड़ाकू विमानों को लक्ष्य पर हमला करने का अवसर प्रदान किया।
