इजरायल का गाजा में हमास के खिलाफ सशस्त्र समूह का समर्थन

नेतन्याहू का बयान
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यह स्वीकार किया है कि उनका देश गाजा में हमास के खिलाफ एक सशस्त्र समूह का समर्थन कर रहा है। यह बयान पूर्व रक्षा मंत्री अविग्डोर लिबरमैन के उस दावे के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि इजरायल सरकार ने इस समूह को हथियार मुहैया कराए हैं।
समूह की पहचान
इजरायली और फिलिस्तीनी मीडिया के अनुसार, यह समूह यासर अबू शबाब के नेतृत्व में एक स्थानीय बेदुईन जनजाति का हिस्सा है। यूरोपीय परिषद विदेशी संबंध (ईसीएफआर) थिंक टैंक ने अबू शबाब को राफा क्षेत्र में सक्रिय एक 'आपराधिक गिरोह' का नेता बताया है, जिस पर सहायता ट्रकों की लूट का आरोप है।
लिबरमैन का खुलासा
पूर्व रक्षा मंत्री अविग्डोर लिबरमैन ने कन पब्लिक ब्रॉडकास्टर को बताया कि नेतन्याहू के निर्देश पर सरकार 'अपराधियों और अपराधियों के एक समूह को हथियार दे रही है।' नेतन्याहू ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुरक्षा अधिकारियों की सलाह पर, उन्होंने गाजा में हमास का विरोध करने वाले कबीलों को सक्रिय किया है।
अबू शबाब का कबीला
तेल अवीव में मोशे दयान सेंटर के विशेषज्ञ माइकल मिल्शटीन ने बताया कि अबू शबाब का कबीला गाजा और मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप की सीमा पर फैला हुआ है। उन्होंने कहा कि इस जनजाति के कुछ सदस्य 'नशीली दवाओं की तस्करी और अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं।'
इजरायली सेना का समर्थन
इजरायली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने पुष्टि की कि सेना गाजा में स्थानीय मिलिशिया को हथियार देने का समर्थन करती है, लेकिन उन्होंने इस पर अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया।
हमास के आरोप
ईसीएफआर के अनुसार, अबू शबाब को पहले हमास ने नशीली दवाओं की तस्करी के लिए जेल में डाला था। हमास ने आरोप लगाया है कि इस समूह ने 'विश्वासघात और चोरी का रास्ता चुना है' और नागरिकों से इसका विरोध करने की अपील की है।