इजरायल की डॉल्फिन क्लास पनडुब्बी: ईरान के खिलाफ एक गुप्त हथियार

इजरायल की डॉल्फिन क्लास पनडुब्बी
इजरायल की डॉल्फिन क्लास पनडुब्बी: ईरान और इजरायल के बीच तनाव समय के साथ बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों के बीच मिसाइलों और ड्रोन से हमले हो रहे हैं। इसी संदर्भ में, इजरायल ने अपनी साइलेंट किलर को समुद्र की गहराइयों में सक्रिय कर दिया है।
यहां हम इजरायल की डॉल्फिन क्लास पनडुब्बियों की चर्चा कर रहे हैं, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं और इतनी चुपचाप चलती हैं कि दुश्मन के रडार भी इन्हें नहीं पकड़ पाते।
डॉल्फिन पनडुब्बियों की विशेषताएँ
डॉल्फिन पनडुब्बियों की ताकत
डॉल्फिन क्लास पनडुब्बियां आकार में बड़ी होती हैं और इनका साइलेंसिंग सिस्टम और स्टील्थ डिजाइन इन्हें विशेष बनाता है। इनमें ऐसे हाईटेक सिस्टम लगे होते हैं जो दुश्मन की नजरों से बच सकते हैं। AIP तकनीक (एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन) के कारण, ये पनडुब्बियां सतह पर आए बिना कई दिनों तक पानी के अंदर रह सकती हैं।
सामान्य पनडुब्बियों को बार-बार सतह पर आना पड़ता है, जिससे वे फंस जाती हैं, लेकिन डॉल्फिन पनडुब्बी धीरे-धीरे गहराई में चलती रहती है, जैसे असली डॉल्फिन।
दुश्मनों को धोखा देने की क्षमता
दुश्मनों को चकमा देने में माहिर
ये पनडुब्बियां अत्याधुनिक स्टीयरिंग स्टेशनों से लैस हैं, जिसमें चालक दल नई तकनीकों का उपयोग करता है। चाहे समुद्री धाराएं कितनी भी तेज़ हों, ये अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ती हैं। इनका डिज़ाइन ऐसा है कि ऑपरेशन के दौरान ये कोई तेज़ आवाज़ नहीं करतीं, जिससे ये समुद्र में मौजूद अन्य पनडुब्बियों या रडार के लिए अदृश्य हो जाती हैं।
इजरायल की डॉल्फिन क्लास पनडुब्बी अब ईरान के खिलाफ गुप्त ऑपरेशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इसमें परमाणु मिसाइल लगाने की क्षमता भी है, जो इसे दुनिया की सबसे खतरनाक पनडुब्बियों में से एक बनाती है। यदि स्थिति और बिगड़ती है, तो इजरायल इन 'डॉल्फिन' को ईरानी तट के निकट तैनात कर सकता है।