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इजरायल की विपक्षी नेता का भारत पर चौंकाने वाला बयान

इजरायल की विपक्षी पार्टी येश अतीज की सांसद शेली मेरोन ने भारत के प्रति एक चौंकाने वाला बयान दिया है, जिसमें उन्होंने भारत को ईरान के साथ युद्ध में एक प्रभावी मध्यस्थ बताया। उनका यह बयान उस समय आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल की जीत का श्रेय अपने नाम किया है। शेली ने भारत के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय संस्कृति का सम्मान किया है। जानें इस बयान के पीछे की पूरी कहानी और इजरायल की स्थिति के बारे में।
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इजरायल की विपक्षी नेता का भारत पर चौंकाने वाला बयान

इजरायल की सांसद का बयान

इजरायल की विपक्षी पार्टी येश अतीज की सांसद शेली मेरोन ने भारत के बारे में एक चौंकाने वाला बयान दिया है। यह टिप्पणी उस समय आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल की जीत का श्रेय अपने नाम किया है। ट्रंप ईरान के साथ चल रहे संघर्ष में भी खुद को प्रमुखता से पेश कर रहे हैं।


इजरायल पिछले कुछ दिनों से ईरान के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ रहा है, और इजरायली सेना ने तेहरान में घुसपैठ की है। हालांकि, अमेरिका ने हाल ही में कुछ बमवर्षक विमान ईरान में भेजे हैं और खुद को इस संघर्ष का श्रेय लेने की कोशिश कर रहा है।


भारत के प्रति शेली मेरोन का प्यार

ट्रंप बार-बार यह दावा कर रहे हैं कि अगर वह नहीं होते, तो भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम नहीं होता। इसी संदर्भ में, शेली मेरोन ने कहा कि उनके अनुसार, भारत ईरान के साथ युद्ध को रोकने में एक प्रभावी मध्यस्थ हो सकता था। उन्होंने भारत के लोगों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इजरायल का समर्थन किया।


जब उनसे पूछा गया कि भारत के लोग ईरान और इजरायल के बीच युद्ध को कैसे देख रहे हैं, तो उन्होंने कहा, "मैं भारत से बहुत प्यार करती हूं। मैंने वहां रहकर टेक कंपनियों के साथ काम किया है और मैं भारतीय संस्कृति का सम्मान करती हूं।"


इजरायल की एकजुटता और ट्रंप का समर्थन

शेली मेरोन ने यह भी कहा कि सभी इजरायली ईरान के खिलाफ युद्ध में एकजुट हैं। उन्होंने सीजफायर के निर्णय को सही ठहराया और कहा कि सभी सैन्य लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया गया है, लेकिन भविष्य के लिए सतर्क रहना आवश्यक है।


उन्होंने ट्रंप की बहादुरी की सराहना की और कहा कि अमेरिका किसी भी युद्ध में शामिल नहीं होना चाहता। उनका मानना है कि इजरायल और पूरी दुनिया को शांति की आवश्यकता है, और वे केवल अपने देश और नागरिकों की सुरक्षा चाहते हैं।