इजरायल में गाजा युद्ध के खिलाफ बढ़ते विरोध प्रदर्शन

गाजा में सैन्य अभियान का ऐलान
इजरायल की राजनीतिक स्थिति और गाजा युद्ध एक बार फिर गंभीर संकट की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सुरक्षा कैबिनेट की स्वीकृति के बाद गाजा सिटी में सैन्य कार्रवाई की घोषणा की है, लेकिन इस निर्णय ने इजरायल के अंदर विरोध की लहर पैदा कर दी है। हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं, बंधकों के परिवार सरकार पर सीधा आरोप लगा रहे हैं, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस कदम को 'खतरनाक' करार दिया जा रहा है।
विरोध प्रदर्शनों की लहर
शनिवार को तेल अवीव और अन्य शहरों में हजारों लोग प्रदर्शन के लिए निकले। यह हाल के महीनों में सबसे बड़े विरोध प्रदर्शनों में से एक था। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि गाजा सिटी पर सैन्य कब्जे की योजना को तुरंत रोका जाए और पहले युद्धविराम तथा बंधकों की रिहाई को प्राथमिकता दी जाए। उनका कहना है कि यदि यह अभियान शुरू हुआ तो 50 बचे हुए बंधकों की जान खतरे में पड़ सकती है, जिनमें से लगभग 20 के जीवित रहने की संभावना जताई जा रही है।
बंधकों के परिवारों की पीड़ा
बंधकों के परिवारों की पीड़ा और आक्रोश
बंधकों के परिजनों ने विभिन्न स्थानों पर रैलियां आयोजित कीं और कुछ ने आम हड़ताल का आह्वान भी किया। एक मां ने कहा, 'देश को बंद कर दो, तभी सरकार सुनने पर मजबूर होगी।' पूर्व बंधक शेरोन अलोनी ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि यदि उनके पति डेविड या किसी भी बंधक को कुछ हुआ, तो इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह सरकार की होगी। 'होस्टेजेस एंड मिसिंग फैमिलीज फोरम' ने कैबिनेट के निर्णय को 'लाल झंडी' करार देते हुए आरोप लगाया कि सरकार हमारे प्रियजनों की बलि चढ़ा रही है।
नेतन्याहू पर बढ़ता दबाव
नेतन्याहू पर चौतरफा दबाव
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस योजना का बचाव करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य गाजा पर कब्जा करना नहीं, बल्कि उसे हमास से मुक्त करना है। उन्होंने दावा किया कि इसके बाद इसे एक अस्थायी अरब सरकार को सौंपा जाएगा। लेकिन इस कदम पर कड़ी आलोचना हो रही है। फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने इसे 'नया अपराध' बताया, जबकि कई देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा कि यह गाजा की मानवीय स्थिति को और भी गंभीर बना देगा। मिस्र, कतर, सऊदी अरब और तुर्की सहित 20 से अधिक देशों ने इसे 'खतरनाक और अस्वीकार्य' करार दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी आपात बैठक बुलाई है।
गाजा में मानवीय संकट
गाजा में तबाही और मानवीय संकट
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर 2023 से अब तक 62 हजार से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। अकेले शनिवार को 37 और लोगों की मौत हुई, जिनमें 30 नागरिक मदद पाने के लिए कतार में खड़े थे। भुखमरी और कुपोषण की स्थिति इतनी गंभीर है कि अब तक 114 वयस्क और 98 बच्चों की मौत हो चुकी है। राहत एजेंसियों का कहना है कि इजरायल और सहयोगी देशों की ओर से खाद्य सामग्री की हवाई आपूर्ति नाकाफी है और कई बार यह खतरनाक भी साबित हो रही है। इस बीच, मिस्र और कतर की मध्यस्थता से एक नई पहल सामने आई है, जिसमें सभी बंधकों की रिहाई के बदले युद्ध रोकने और इजरायली सेना को वापस बुलाने का प्रस्ताव शामिल है।