इटावा में कथावाचक के अपमान पर सियासी विवाद बढ़ा

इटावा में कथावाचक के अपमान का मामला
उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचक के साथ हुए अपमान के मामले ने राजनीतिक हलचल को जन्म दे दिया है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री कथावाचन के लिए बुलाए जाने पर 'टेबल के नीचे' पैसे लेते हैं।
अखिलेश यादव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि कई कथावाचक 50 लाख रुपये तक की मांग करते हैं। उन्होंने सवाल उठाया, "क्या कोई धीरेंद्र शास्त्री को अपने घर कथा के लिए बुला सकता है? वह बाबा तो टेबल के नीचे पैसे लेते हैं। पता कीजिए, क्या वह मुफ्त में करते हैं?" इस बयान पर धीरेंद्र शास्त्री की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
इटावा में कथावाचकों के साथ बुरा व्यवहार
पिछले सप्ताह इटावा के डांडरपुर गांव में यादव समुदाय के दो कथावाचकों के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया था। आरोप है कि उन्हें न केवल अपमानित किया गया, बल्कि उनका मुंडन कराकर महिलाओं के पैरों में नाक रगड़ने के लिए मजबूर किया गया। गांव वालों का कहना है कि दोनों कथावाचकों ने कथा से पहले अपनी जाति छिपाई थी। आयोजक ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई और कहा कि यदि पहले से जाति का पता होता तो उन्हें बुलाया ही नहीं जाता।
अखिलेश का बीजेपी पर हमला
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि वह जातियों में फूट डालकर समाज में अशांति फैलाना चाहती है। उन्होंने कहा, "बीजेपी अपने खास सरनेम वाले लोगों को पड़ोसी राज्यों से भेज रही है ताकि उत्तर प्रदेश की सामाजिक एकता को तोड़ा जा सके।"
अहीर रेजीमेंट का विरोध प्रदर्शन
इस घटना के विरोध में 'अहीर रेजीमेंट' नामक सामाजिक संगठन के सदस्यों ने बकेवर थाने के बाहर प्रदर्शन किया। कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने समझा-बुझाकर हटाया, लेकिन कई लोग पुलिस से भिड़ गए, जिससे वहां झड़प हो गई। सर्कल ऑफिसर अतुल प्रधान ने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल बुलाया गया और छह लोगों को हिरासत में लिया गया है।