इथियोपिया के ज्वालामुखी विस्फोट से भारत में उड़ानों पर असर
ज्वालामुखी राख का गुबार भारत में
नई दिल्ली: हाल ही में इथियोपिया में हुए ज्वालामुखी विस्फोट के कारण उत्पन्न राख का गुबार भारत तक पहुँचने लगा है, जिसके चलते सोमवार को कुछ उड़ानों के मार्ग में परिवर्तन किया गया। हालांकि, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि देशभर में उड़ान संचालन सामान्य और स्थिर है।
यात्रियों के लिए मंत्रालय का आश्वासन
यात्रियों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। मंत्रालय ने बताया कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल, IMD और एयरलाइनों के साथ निरंतर समन्वय किया जा रहा है और सभी आवश्यक एहतियाती कदम समय पर उठाए गए हैं।
सरकार की स्थिति स्पष्ट करने की पहल
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जानकारी दी है कि देशभर में उड़ानें सुचारू रूप से चल रही हैं, और केवल कुछ विमानों को एहतियात के तौर पर मार्ग बदलने या ऊँचाई कम करने की सलाह दी गई है। मंत्रालय ने कहा कि इथियोपिया में 23 नवंबर को हुए ज्वालामुखी विस्फोट के बाद से स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। AAI ने आवश्यक NOTAM जारी किया है, और सभी एयरलाइनों को वास्तविक समय में अपडेट दिया जा रहा है ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
ज्वालामुखी राख का प्रभाव
IMD ने बताया कि ज्वालामुखी से उत्पन्न राख मंगलवार शाम 7:30 बजे तक भारत के हवाई क्षेत्र से बाहर निकल जाएगी। IMD प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि यह राख गुजरात से शुरू होकर सोमवार रात राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली-NCR, हरियाणा और पंजाब तक फैल गई थी। हालाँकि, हवा की दिशा में बदलाव के कारण यह बादल अब चीन की ओर बढ़ रहा है और भारत का आकाश धीरे-धीरे साफ हो रहा है।
राख का स्रोत और यात्रा
यह राख इथियोपिया के अफार क्षेत्र में स्थित हेली गिब्बी ज्वालामुखी के विस्फोट से निकली, जो लगभग 12,000 वर्षों के बाद सक्रिय हुआ। विस्फोट के दौरान राख 14 किलोमीटर (45,000 फीट) की ऊँचाई तक पहुँच गई। टूलूस VAAC के अनुसार, रविवार सुबह 8:30 बजे GMT से विस्फोट शुरू हुआ और राख का गुबार रेड सी, यमन और ओमान होते हुए अरब सागर पार कर भारत के पश्चिमी हिस्से तक पहुँच गया। ऊँचाई पर तेज हवाओं ने इसे तेजी से भारतीय हवाई क्षेत्र की ओर धकेल दिया।
हवाईअड्डों को सतर्क रहने की सलाह
देशभर के हवाईअड्डों को रनवे और ऑपरेशन क्षेत्र पर राख जमा होने के खतरे को देखते हुए सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। एयरलाइनों, जैसे IndiGo, Akasa Air और KLM ने हवा की दिशा के अनुसार अपने रूट में बदलाव किए हैं। सोमवार को इंडिगो की कन्नूर-अबू धाबी उड़ान को अहमदाबाद डायवर्ट किया गया था, जबकि एक अन्य एयरलाइन को अबू धाबी लौटने से पहले इंजन चेक करना पड़ा।
DGCA की सलाह
DGCA ने सोमवार को विस्तृत सलाह जारी की जब राख का गुबार गुजरात में प्रवेश कर उत्तर भारत की ओर बढ़ा। कई सेक्टरों की उड़ानों में एहतियाती बदलाव किए गए हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि स्थिति तेजी से सुधर रही है और मंगलवार शाम तक दृश्यता और उड़ान स्थिति पूरी तरह सामान्य होने की उम्मीद है। मंत्रालय ने फिर से यह स्पष्ट किया कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और सभी कदम समय पर उठाए जा रहे हैं।
