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इथियोपिया के ज्वालामुखी विस्फोट से भारत में राख का गुब्बार

इथियोपिया में एक प्राचीन ज्वालामुखी के विस्फोट से उत्पन्न राख का गुब्बार भारत की ओर बढ़ रहा है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह गुब्बार गुजरात से होते हुए राजस्थान, दिल्ली-NCR और पंजाब तक पहुंच सकता है। इस स्थिति के कारण कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। विशेषज्ञों ने वायुमंडल में राख के घनत्व और दिशा की निगरानी शुरू कर दी है। जानें इस घटना का हवाई यातायात और वायु गुणवत्ता पर क्या असर पड़ सकता है, और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
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इथियोपिया के ज्वालामुखी विस्फोट से भारत में राख का गुब्बार

भारत की ओर बढ़ रहा ज्वालामुखी राख का गुब्बार


नई दिल्ली: पूर्वी अफ्रीका के इथियोपिया में एक प्राचीन ज्वालामुखी के फटने से उत्पन्न राख का विशाल गुब्बार अब भारत की दिशा में बढ़ रहा है। मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह गुब्बार सोमवार रात तक उत्तर-पश्चिम भारत में पहुंच सकता है।


यह राख का बादल पहले गुजरात से होते हुए राजस्थान, फिर दिल्ली-NCR और पंजाब की ओर बढ़ेगा। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया गया है और एयरलाइंस को वैकल्पिक मार्ग अपनाने के निर्देश दिए गए हैं।


राख का गुब्बार भारत की ओर बढ़ रहा है

इथियोपिया में ज्वालामुखी विस्फोट के बाद वायुमंडल में उठी राख का बादल तेजी से फैल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, हवा की दिशा उत्तर-पूर्व की ओर है, जिससे यह गुब्बार अरब सागर के ऊपर से गुजरते हुए भारत पहुंच रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बादल गुजरात के ऊपर से भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर सकता है, जो मौसम और हवाई यातायात दोनों के लिए चुनौती पेश कर सकता है। इसके घनत्व और ऊंचाई की लगातार निगरानी की जा रही है।


गुजरात से दिल्ली-NCR तक असर की आशंका

विशेषज्ञों का मानना है कि यह राख का गुब्बार केवल गुजरात तक सीमित नहीं रहेगा। कुछ ही घंटों में इसके राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली-NCR और पंजाब की ओर बढ़ने की संभावना है। राख के कणों के वातावरण में फैलने से दृश्यता में कमी और वायु गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। हालांकि, यह जमीन पर नहीं गिरेगा, लेकिन वायुमंडलीय स्तर पर फैलने से कई क्षेत्रों में हल्की धुंध जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।


हवाई यातायात पर पड़ा सीधा असर

राख का गुब्बार हवा में फैलने से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है। एयरलाइंस को निर्देश दिया गया है कि वे इस क्षेत्र से गुजरने वाली उड़ानों के लिए रूट में बदलाव करें। कई उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, जबकि कुछ को लंबा रूट अपनाना पड़ा है। अधिकारियों ने बताया कि राख के कण इंजन के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं, इसलिए सुरक्षा के लिहाज से यह कदम आवश्यक है। यात्रियों को एयरलाइंस की ओर से लगातार अपडेट दिए जा रहे हैं।


मौसम विभाग और एयरलाइंस सतर्क

भारतीय मौसम विभाग, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और एयरलाइंस सभी मिलकर इस स्थिति पर नजर रख रहे हैं। विशेषज्ञ सैटेलाइट डेटा की मदद से राख की दिशा और घनत्व का आकलन कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि अगले 24 घंटों में स्थिति और स्पष्ट होगी। आवश्यकता पड़ने पर और उड़ानें रद्द की जा सकती हैं। लोगों को घबराने की सलाह दी गई है, क्योंकि इसका सीधा स्वास्थ्य खतरा बहुत कम है, लेकिन संवेदनशील व्यक्तियों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।


इथियोपिया में ज्वालामुखी विस्फोट से मची खलबली

इथियोपिया में यह ज्वालामुखी हजारों वर्षों से शांत था, लेकिन अचानक आए विस्फोट ने स्थानीय क्षेत्रों में हलचल मचा दी है। फिलहाल जनहानि की कोई जानकारी नहीं है, लेकिन राख के घने बादल ने अफ्रीकी और एशियाई हवाई क्षेत्र में बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे ज्वालामुखी दुर्लभ होते हैं, लेकिन एक बार सक्रिय होने पर इनके प्रभाव हजारों किलोमीटर दूर तक पहुंच सकते हैं, जैसा कि भारत में देखा जा रहा है।