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इथियोपिया में ज्वालामुखी विस्फोट से भारत में उड़ानों पर असर

इथियोपिया में हेली गुब्बी ज्वालामुखी के विस्फोट के कारण उत्पन्न घने राख के बादल ने भारत में कई उड़ानों को प्रभावित किया है। DGCA ने इस स्थिति को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है, जिसके चलते एयर इंडिया और अन्य एयरलाइनों ने उड़ानें रद्द की हैं। राख का गुबार दिल्ली सहित कई राज्यों से गुजरा है और भारतीय मौसम विभाग ने शाम तक आसमान साफ होने की उम्मीद जताई है। जानें इस घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
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इथियोपिया में ज्वालामुखी विस्फोट से भारत में उड़ानों पर असर

राख का घना बादल भारत पहुंचा


इथियोपिया के हेली गुब्बी ज्वालामुखी के विस्फोट के कारण उत्पन्न घने राख के बादल ने कई क्षेत्रों को प्रभावित किया है। यह राख भारत तक पहुंच गई है, जिसके चलते कई उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। बताया गया है कि यह राख का बादल बीती रात भारत में पहुंचा, जिसके चलते नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एक एडवाइजरी जारी की।


एयर इंडिया ने उड़ानें रद्द कीं

DGCA की सलाह के बाद, एयर इंडिया ने 11 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया है। इनमें से अधिकांश उड़ानें उत्तर भारत में थीं। DGCA ने एयरलाइनों को निर्देश दिया है कि वे ज्वालामुखी की राख से प्रभावित क्षेत्रों और उड़ान स्तर से बचें और नवीनतम सलाह के अनुसार उड़ान योजना, मार्ग और ईंधन से संबंधित मुद्दों को समायोजित करें। अकासा एयर ने भी जेद्दा, कुवैत और अबू धाबी के लिए सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं, जो 24 और 25 नवंबर के लिए निर्धारित थीं।


राख का गुबार कई राज्यों से गुजरा

राख का बादल 15,000 से 25,000 फीट की ऊंचाई पर फैला हुआ है। इसमें ज्वालामुखी की राख, सल्फर डाइऑक्साइड और बारीक कण शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, यह गुबार रात करीब 11 बजे दिल्ली पहुंचा और हरियाणा, पंजाब, गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के ऊपर से गुजरा। भारतीय मौसम विभाग (IMD) की रिपोर्ट के अनुसार, यह आगे चीन की ओर बढ़ेगा और 14:00 GMT (स्थानीय समयानुसार शाम 7:30 बजे) तक भारत से निकलने की संभावना है।


भारतीय आसमान शाम तक साफ होने की उम्मीद

IMD ने बताया कि राख पूरब की ओर बढ़ रही है और शाम 7:30 बजे तक भारतीय आसमान साफ होने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा कि तेज हवाएं राख के बादल को इथियोपिया से लाल सागर के पार यमन और ओमान की ओर ले गईं। उत्तरी इथियोपिया में 12,000 साल में पहली बार हेली गुब्बी ज्वालामुखी फटा, जिससे राख का गुब्बार आसमान में 14 किलोमीटर तक ऊंचा चला गया।