इमरान खान का बड़ा आरोप: सेना और न्यायपालिका पर उठाए सवाल

इमरान खान ने सेना और न्यायपालिका पर गंभीर आरोप लगाए
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, जो वर्तमान में जेल में हैं, ने एक बार फिर देश की सेना और न्यायपालिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा कि जब उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए असीम मुनीर को ISI प्रमुख के पद से हटाया, तब से वह प्रतिशोध की भावना से काम कर रहे हैं। इमरान खान का दावा है कि इस निर्णय के बाद असीम मुनीर ने उनकी पत्नी बुशरा बीबी से संपर्क करने की कोशिश की थी।
बुशरा बीबी को निजी दुश्मनी का शिकार बताया
इमरान खान ने अपनी पोस्ट में लिखा कि जब उन्होंने जनरल असीम मुनीर को DG ISI के पद से हटाया, तो उन्होंने बिचौलियों के माध्यम से उनकी पत्नी से बात करने की कोशिश की। लेकिन बुशरा बीबी ने स्पष्ट किया कि उनका इस मामले से कोई संबंध नहीं है और वह मुलाकात नहीं करेंगी। इमरान खान का कहना है कि इस इनकार के बाद असीम मुनीर ने प्रतिशोध की कार्रवाई शुरू की, जिसके परिणामस्वरूप बुशरा बीबी को 14 महीने से जेल में रखा गया है।
बुशरा बीबी पर आरोपों को बताया झूठा
इमरान खान ने कहा कि बुशरा बीबी पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और अब तक उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं पेश किया गया है। उन पर 'एडिंग एंड अबेटिंग' का आरोप लगाया गया है, लेकिन न तो कोई सबूत प्रस्तुत किया गया और न ही न्यायिक प्रक्रिया पारदर्शी रही। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले चार हफ्तों से वह अपनी पत्नी से नहीं मिल सके हैं और 1 जून को होने वाली मुलाकात भी जेल प्रशासन ने रद्द कर दी।
9 मई की घटनाओं को बताया साजिश का हिस्सा
इमरान खान ने 9 मई 2024 की घटनाओं का भी जिक्र किया, जब पाकिस्तान में सैन्य ठिकानों पर हमले हुए थे। उन्होंने इसे 'लंदन प्लान' का हिस्सा बताया, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान की प्रमुख राजनीतिक पार्टी, पीटीआई को समाप्त करना था। यह एक पूर्वनियोजित योजना थी, जिसके तहत उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं को अवैध तरीके से जेल में डाला गया।
न्यायपालिका पर उठाए सवाल
इमरान खान ने न्यायिक संस्थाओं पर भी तीखा हमला करते हुए कहा कि कोई भी न्यायाधीश CCTV फुटेज देखने की हिम्मत नहीं करता और न ही सबूतों के आधार पर निर्णय सुनाने की हिम्मत दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की न्यायपालिका अब न्याय के बजाय केवल अपने पद और सुविधाओं की रक्षा के लिए काम कर रही है।