इरफान पठान ने धोनी पर लगाया पक्षपात का आरोप

इरफान पठान का बयान
इरफान पठान: भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर भी सबसे महान कप्तानों में से एक माना जाता है। हालांकि, कई खिलाड़ियों ने समय-समय पर धोनी पर पक्षपात का आरोप लगाया है, जिसमें पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी और वीरेंद्र सहवाग का नाम भी शामिल है।
अब, टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने भी इस मामले में अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उन्हें टीम से बाहर रखा गया, जिससे सभी हैरान हैं। पठान ने हाल ही में एक इंटरव्यू में इस मुद्दे पर खुलकर बात की।
न्यूजीलैंड दौरे पर बाहर रहने का अनुभव
इरफान ने बताया कि 2009 में न्यूजीलैंड दौरे के दौरान उन्हें लगातार पांच मैचों में प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा गया। इससे पहले, उन्होंने और उनके भाई यूसुफ पठान ने श्रीलंका के खिलाफ एक कठिन मैच में भारत को जीत दिलाई थी। इरफान ने कहा, "हमने 27-28 गेंदों में 60 रन बनाकर मैच जीता था। अगर कोई और होता, तो शायद उसे इतनी जल्दी बाहर नहीं किया जाता।"
गैरी कर्स्टन का उत्तर
इरफान ने यह भी बताया कि जब उन्होंने कोच गैरी कर्स्टन से पूछा कि उन्हें क्यों नहीं खेलाया जा रहा, तो कर्स्टन ने कहा, "कुछ चीजें मेरे हाथ में नहीं हैं।" जब इरफान ने पूछा कि यह फैसला किसके हाथ में है, तो कर्स्टन ने स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। इरफान को पहले से ही अंदाजा था कि यह निर्णय कप्तान के हाथ में है, और उस समय धोनी कप्तान थे।
उन्होंने कहा, "मेरे भाई यूसुफ एक बल्लेबाजी ऑलराउंडर थे, जबकि मैं गेंदबाजी ऑलराउंडर था। हमारी भूमिकाएं अलग थीं, लेकिन टीम में केवल एक के लिए ही जगह थी।"
धोनी पर सीधा आरोप
इरफान ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्लेइंग इलेवन का निर्णय कप्तान, कोच और प्रबंधन मिलकर लेते हैं, लेकिन मुख्य रूप से यह कप्तान की पसंद पर निर्भर करता है। उस समय धोनी कप्तान थे, और इरफान का मानना है कि उनकी टीम से बाहर होने का कारण धोनी का निर्णय था।