इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू

महाभियोग की तैयारी
नई दिल्ली। इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए संसद में महाभियोग लाने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पहले ही संकेत दिया था कि संसद के आगामी सत्र में महाभियोग का प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। अब यह जानकारी मिली है कि सरकार सांसदों के हस्ताक्षर एकत्र कर रही है। महाभियोग का प्रस्ताव पहले लोकसभा में लाया जाएगा, इसलिए लोकसभा सांसदों के हस्ताक्षर जुटाए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, कई सांसदों के हस्ताक्षर पहले ही प्राप्त किए जा चुके हैं। यह भी बताया जा रहा है कि कांग्रेस कुछ शर्तों के साथ सरकार का समर्थन करने के लिए तैयार हो गई है।
महाभियोग प्रस्ताव को लोकसभा में लाने के लिए कम से कम 100 सांसदों के हस्ताक्षर आवश्यक होते हैं, जबकि राज्यसभा में यह संख्या 50 सांसदों की होती है। उल्लेखनीय है कि जस्टिस वर्मा के दिल्ली हाई कोर्ट में रहते हुए उनके आधिकारिक आवास के स्टोर रूम में 14 मार्च की रात आग लग गई थी। वहां से जले हुए नोटों के बंडलों से भरे बोरे मिले थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। उस समिति की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है, जिसके आधार पर महाभियोग की प्रक्रिया आरंभ होगी। नोटों के बंडल मिलने के विवाद के बाद जस्टिस वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाई कोर्ट में किया गया था।