इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका को किया खारिज, सिखों पर बयान का मामला

इलाहाबाद हाई कोर्ट का निर्णय
प्रयागराज - इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की याचिका को अस्वीकार कर दिया है। यह याचिका वाराणसी की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट के 21 जुलाई 2025 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी।
वाराणसी की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सिख समुदाय पर राहुल गांधी के कथित बयान के खिलाफ निगरानी याचिका को स्वीकार किया था। इस आदेश के खिलाफ उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया, लेकिन वहां भी उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा। जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ ने शुक्रवार को उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
यह ध्यान देने योग्य है कि सितंबर 2024 में अमेरिका यात्रा के दौरान वाशिंगटन डीसी में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने सिख समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि भारत में सिखों को अपनी आस्था (जैसे पगड़ी और कृपाण) का पालन करने की स्वतंत्रता नहीं है, जिससे राजनीतिक विवाद उत्पन्न हुआ। इस बयान के कारण उन्हें व्यापक विरोध का सामना करना पड़ा।
राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि भारत में सिख समुदाय के लोग अपनी धार्मिक मान्यताओं का पालन नहीं कर पा रहे हैं, न ही उन्हें पगड़ी पहनने की अनुमति है और न ही गुरुद्वारे में जाने दिया जा रहा है।
वाराणसी के वरिष्ठ वकील नागेश्वर मिश्रा ने इस बयान को भड़काऊ मानते हुए सारनाथ थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन मामला दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद उन्होंने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) कोर्ट में आवेदन दायर किया, जिसे 28 नवंबर 2024 को खारिज कर दिया गया।
इसके बाद, नागेश्वर मिश्रा ने वाराणसी सत्र न्यायालय (एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट) में निगरानी याचिका दायर की, जिसे विशेष न्यायाधीश ने 21 जुलाई 2025 को स्वीकार कर लिया और एसीजेएम को मामले की पुनः सुनवाई का निर्देश दिया। राहुल गांधी ने इसी आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन उसे भी खारिज कर दिया गया।