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इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला: ग्रेटर नोएडा के किसानों को मिलेगा 10% भूखंड

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव के किसानों के लिए राहत भरा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि प्राधिकरण को दो महीने के भीतर दस प्रतिशत आबादी भूखंड आवंटित करना होगा। यह निर्णय किसानों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उनकी लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान हो सकता है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और किसानों की प्रतिक्रिया।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला: ग्रेटर नोएडा के किसानों को मिलेगा 10% भूखंड

सिरसा गांव के किसानों को मिली राहत

ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव के किसानों के लिए इलाहाबाद से एक सकारात्मक समाचार आया है। किसानों की याचिका पर सुनवाई करते हुए, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को दो महीने के भीतर दस प्रतिशत आबादी भूखंड आवंटित करना होगा। इस निर्णय से किसानों में खुशी की लहर है, जबकि प्राधिकरण इस फैसले को चुनौती देने की योजना बना रहा है।


प्रकाश प्रधान की याचिका का महत्व

सिरसा गांव के किसान प्रकाश प्रधान और विनोद वर्मा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनके अधिवक्ता रमेश कुमार पांडे ने बताया कि उन्होंने किसानों की ओर से कोर्ट में पैरवी की। सुनवाई के दौरान, उन्होंने उच्च न्यायालय को बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 2011 में याचिकाकर्ता गजराज सिंह के मामले में कहा था कि दस प्रतिशत भूखंड उन किसानों को दिए जाएंगे जो हाईकोर्ट गए थे। जिन किसानों ने अधिग्रहण को चुनौती नहीं दी, उन्हें भूखंड नहीं दिए गए, जिससे किसानों में नाराजगी थी।


भूखंड आवंटन का विवाद

प्रकाश द्वारा दायर याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि प्राधिकरण ने एक ऐसे किसान को भूखंड आवंटित किया था, जिसकी 2009 में मृत्यु हो चुकी थी। उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई के बाद ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को आदेश दिया है कि याचिकाकर्ताओं को भी इसी आधार पर आठ सप्ताह के भीतर दस प्रतिशत विकसित आबादी भूखंड दिया जाए। आवंटन के बाद, उच्च न्यायालय को इसकी जानकारी दी जाए।