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इस वर्ष मानसून ने पंजाब में मचाई भारी तबाही

इस वर्ष मानसून ने पंजाब में भयंकर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न की है, जिससे 1900 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, सामान्य से 48 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। इस आपदा में 40 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और लाखों एकड़ कृषि भूमि बर्बाद हो गई है। जानें इस संकट के समय में राहत कार्यों और प्रभावित लोगों की मदद के बारे में।
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इस वर्ष मानसून ने पंजाब में मचाई भारी तबाही

पंजाब में बाढ़ की स्थिति

नई दिल्ली: इस वर्ष मानसून ने देशभर में भारी तबाही मचाई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2025 के मानसून सीजन में सामान्य से कहीं अधिक बारिश हुई है, जिससे पंजाब, बिहार, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। पिछले एक सप्ताह (28 अगस्त से 3 सितंबर) में औसत से 48 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है।


दिल्ली में भी अगस्त महीने में बारिश ने पिछले एक दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस वर्ष मानसून ट्रफ (निम्न दबाव का गर्त) अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर बना हुआ है, और अरब सागर से बंगाल की खाड़ी तक एक अन्य ट्रफ लाइन बनने के कारण यह भीषण बारिश हो रही है।


पंजाब में बाढ़ ने 'जल प्रलय' जैसे हालात उत्पन्न कर दिए हैं। राज्य के सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और 1900 से अधिक गांव पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। इस आपदा में अब तक 40 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और लाखों एकड़ कृषि भूमि बर्बाद हो गई है, जिससे धान समेत खरीफ की फसलों को भारी नुकसान हुआ है।


कई क्षेत्रों में पानी का स्तर 20 फीट तक पहुंच गया है। खासकर पाकिस्तान सीमा के निकट फाजिल्का जिले में सतलुज नदी का विकराल रूप देखने को मिल रहा है, जहां उफनती नदी ने कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से काट दिया है। सेना, NDRF और बचाव दल दिन-रात नावों के माध्यम से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटे हुए हैं।


इस संकट के समय में पंजाबी कलाकार और समाजसेवी संस्थाएं भी बाढ़ पीड़ितों के लिए देवदूत बनकर सामने आई हैं। वे लगातार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राशन, दवाइयां और अन्य आवश्यक सामान मुहैया करा रहे हैं। उनका कहना है कि इस कठिन समय में बाढ़ पीड़ितों को मदद के साथ-साथ हिम्मत और हौसले की भी सबसे ज्यादा आवश्यकता है।