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ईडी की कार्रवाई: क्रिकेट और फिल्म जगत की हस्तियों की संपत्तियों पर संकट

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कई क्रिकेट और फिल्म हस्तियों की संपत्तियों को जब्त करने की योजना बनाई है। हाल ही में पारित कानून के तहत, ईडी ने कई प्रमुख खिलाड़ियों और अभिनेताओं से पूछताछ की है। जांच में यह सामने आया है कि ये हस्तियां ऑनलाइन बेटिंग कंपनी से मिली फीस का उपयोग कर संपत्तियां खरीद रही हैं। ईडी जल्द ही अस्थायी अटैचमेंट आदेश जारी करने की प्रक्रिया में है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और क्या हो सकता है आगे।
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ईडी की कार्रवाई: क्रिकेट और फिल्म जगत की हस्तियों की संपत्तियों पर संकट

ईडी की जांच में शामिल क्रिकेटर्स और फिल्मी सितारे


ऑनलाइन सट्टेबाजी पर ईडी की कार्रवाई


हाल ही में भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग प्लेटफार्मों को अवैध घोषित करने के लिए एक नया कानून पारित किया गया है। इसके लागू होने के बाद, संबंधित साइटों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और उन पर कार्रवाई की जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस संदर्भ में कई प्रसिद्ध क्रिकेटरों और फिल्मी हस्तियों से पूछताछ की है।


इनमें पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह, सुरेश रैना, रॉबिन उथप्पा, शिखर धवन, अभिनेता सोनू सूद, पूर्व सांसद मिमी चक्रवर्ती और अभिनेता अंकुश हजरा शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स भी ईडी की जांच के दायरे में हैं।


ईडी की संपत्तियों की जब्ती की योजना

ईडी अब कुछ खिलाड़ियों और अभिनेताओं की करोड़ों रुपये की संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी कर रही है। यह कार्रवाई धनशोधन निवारण कानून के तहत की जा रही है, जो ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग प्लेटफॉर्म 'वनएक्सबेट' से संबंधित है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि कई सेलिब्रिटी इस कंपनी से प्राप्त फीस का उपयोग कर रहे हैं।


केंद्रीय एजेंसी के अनुसार, जिन संपत्तियों को अटैच किया जाएगा, उनमें भारत के साथ-साथ विदेश में भी कई संपत्तियां शामिल हैं। ईडी ने इन एंडोर्समेंट फीस को 'आपराधिक आय' के रूप में वर्गीकृत किया है।


अस्थायी अटैचमेंट आदेश की प्रक्रिया

जांच में यह भी पाया गया है कि कई सेलिब्रिटी ऑनलाइन बेटिंग कंपनी से मिली फीस का उपयोग कर संपत्तियां खरीद रहे हैं। ईडी संपत्तियों का मूल्यांकन कर रही है और जल्द ही अस्थायी अटैचमेंट आदेश जारी करेगी। इस आदेश को संबंधित प्राधिकरण के पास भेजकर आवश्यक मंजूरी ली जाएगी। मंजूरी मिलने के बाद, विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल कर इन संपत्तियों को स्थायी रूप से जब्त किया जाएगा।