ईरान-इजराइल संघर्ष: अमेरिका की भूमिका पर ईरानी विदेश मंत्री की चेतावनी

ईरान और इजराइल के बीच बढ़ता तनाव
ईरान-इजराइल संघर्ष: ईरान और इजराइल के बीच जारी तनाव के बीच, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिका पर तीखा हमला किया है। 21 जून 2025 को उन्होंने कहा कि यदि अमेरिका चाहे, तो वह इजराइल को 'सब कुछ रोकने' का आदेश देकर तुरंत शांति वार्ता शुरू कर सकता है। अराघची ने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका इस युद्ध में सीधे शामिल होता है, तो यह पूरी दुनिया के लिए विनाशकारी हो सकता है। यह बयान तब आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप युद्ध में सैन्य हस्तक्षेप की संभावना पर विचार कर रहे हैं।
अमेरिका की भूमिका पर सवाल
‘अमेरिका युद्ध में कूदा तो खतरा बढ़ेगा’
अराघची ने कहा, 'हमें नहीं पता कि अब अमेरिका पर भरोसा कैसे किया जाए। वह इजराइल को हथियार और समर्थन दे रहा है, लेकिन शांति की बात भी करता है।' उन्होंने यह भी कहा कि इजराइल के हमले, जिसमें ईरान के सैन्य ठिकाने और परमाणु सुविधाएं नष्ट हुईं, अमेरिका के समर्थन के बिना संभव नहीं थे। ईरान का दावा है कि 13 जून से शुरू हुए इजराइली हमलों में सैकड़ों लोग मारे गए हैं और माजंदरान के सारे शहर तबाह हो गए हैं।
अमेरिका को इजराइल को हथियार देना बंद करना चाहिए
‘इजराइल को हथियार देना बंद करना होगा’
ईरान ने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इजराइल के खिलाफ प्रस्तावों को वीटो कर युद्ध को बढ़ावा दिया। अराघची ने कहा, 'अगर अमेरिका वाकई शांति चाहता है, तो उसे इजराइल को हथियार देना बंद करना होगा।' उन्होंने यह स्पष्ट किया कि ईरान युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए हर हमले का जवाब देगा।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील
इजरायल से जंग के बीच ईरानी विदेश मंत्री का बयान
इस बीच, ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चिंतित है और इजराइल की आत्मरक्षा का समर्थन करता है। अमेरिका ने ईरान पर और प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है, जिससे तनाव और बढ़ गया है। अराघची ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह इस युद्ध को रोकने के लिए दबाव बनाए। उन्होंने कहा, 'यह युद्ध न तो ईरान के लिए है, न इजराइल के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए खतरा है।' यह बयान पश्चिम एशिया में बढ़ते संकट को दर्शाता है, जहां शांति की उम्मीद धुंधली पड़ती जा रही है।