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ईरान-इजराइल संघर्ष: क्या इजराइल का एयर डिफेंस सिस्टम कमजोर हो रहा है?

ईरान और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष ने एक नया मोड़ लिया है, जिसमें इजराइल के एयर डिफेंस सिस्टम की प्रभावशीलता में गिरावट आई है। रिपोर्टों के अनुसार, इजराइल अब केवल महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाने वाली मिसाइलों को रोकने की नीति अपना रहा है। ईरान की नई हाइपरसोनिक और बैलिस्टिक मिसाइलें इजराइल के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई हैं। जानें इस संघर्ष की पूरी कहानी और इसके पीछे की रणनीतियाँ।
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ईरान-इजराइल संघर्ष: क्या इजराइल का एयर डिफेंस सिस्टम कमजोर हो रहा है?

ईरान और इजराइल के बीच बढ़ता संघर्ष

ईरान और इजराइल के बीच चल रही लड़ाई अब एक गंभीर मोड़ पर पहुंच चुकी है। ईरान की ओर से लगातार मिसाइल हमले हो रहे हैं, जिनका जवाब इजराइल हवाई हमलों से दे रहा है। हालाँकि, इस संघर्ष के नौवें दिन एक नई चिंता उभरी है—इजराइल के एयर डिफेंस सिस्टम की घटती प्रभावशीलता। पहले यह सिस्टम ईरानी मिसाइलों का 90 प्रतिशत तक इंटरसेप्ट कर रहा था, लेकिन अब NBC न्यूज़ के अनुसार, यह आंकड़ा घटकर केवल 65 प्रतिशत रह गया है।


इजराइल की सुरक्षा में गिरावट

इजराइल के वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों ने इस गिरावट को एक गंभीर रणनीतिक खतरा बताया है। वॉल स्ट्रीट जर्नल और न्यूजवीक ने भी रिपोर्ट किया है कि संभवतः मिसाइल इंटरसेप्टर की संख्या में कमी आई है, जिसके कारण इजराइल अब केवल उन मिसाइलों को रोकने की नीति अपना रहा है जो महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बना रही हैं। इसके परिणामस्वरूप, आम आवासीय क्षेत्रों में गिरने वाली मिसाइलें भारी तबाही मचा रही हैं।


नई मिसाइलों की चुनौती

ईरान की नई पीढ़ी की हाइपरसोनिक और बैलिस्टिक मिसाइलें इजराइल के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई हैं। ये मिसाइलें इतनी तेज़ हैं कि इजराइली डिफेंस सिस्टम को प्रतिक्रिया देने का समय नहीं मिल रहा है। इस तकनीकी अंतर ने इजराइल को रक्षात्मक मोर्चे पर कमजोर कर दिया है।


तेल अवीव और हाइफा पर हमले

जंग के नौवें दिन, ईरान ने एक बार फिर तेल अवीव और हाइफा को निशाना बनाया। तेल अवीव की ओर भेजी गई मिसाइल को इजराइली डिफेंस सिस्टम ने समय पर नष्ट कर दिया, लेकिन हाइफा में हमला सफल रहा। वहां दो महत्वपूर्ण स्थान और एक ऐतिहासिक मस्जिद को नुकसान पहुंचा। इस हमले ने इजराइल को भारी क्षति पहुंचाई है।


तेल अवीव: इजराइल की धड़कन

तेल अवीव केवल एक शहर नहीं है, बल्कि यह इजराइल की राजनीतिक और सैन्य धुरी है। यहां सरकार का मुख्यालय है, युद्ध की रणनीतियाँ बनती हैं, और सेना का संचालन होता है। यही कारण है कि ईरान बार-बार इसे निशाना बना रहा है। दूसरी ओर, हाइफा एक बंदरगाह शहर है जो इजराइल के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार और सैन्य आपूर्ति की जीवनरेखा है।


ईरान की रणनीति

ईरान जानता है कि यदि उसने हाइफा की आपूर्ति श्रृंखला को बाधित कर दिया, तो इजराइल को हथियारों और आवश्यक सामग्री की आपूर्ति में कठिनाई होगी। इसी उद्देश्य से वह हाइफा पर लगातार हमले कर रहा है ताकि इजराइल को अंतरराष्ट्रीय सहायता से रोका जा सके। यह संघर्ष अब केवल सैन्य नहीं, बल्कि रणनीतिक और तकनीकी स्तर पर भी लड़ा जा रहा है।