ईरान-इजरायल तनाव: साइबर सुरक्षा में बढ़ोतरी और हमलों की आशंका

ईरान-इजरायल संघर्ष
ईरान-इजरायल संघर्ष: पिछले पांच दिनों से इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। दोनों देश एक-दूसरे पर लगातार हमले कर रहे हैं। इस बार ईरान लेबनान की तरह गलती नहीं करना चाहता, जिसके चलते उसने अपनी साइबर सुरक्षा को मजबूत किया है।
ईरान की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने सरकारी अधिकारियों और उनकी सुरक्षा टीमों के लिए इंटरनेट से जुड़े उपकरणों, जैसे स्मार्ट घड़ियों, के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय तब लिया गया है जब इजरायली एजेंसियां हमलों के लिए मोबाइल नेटवर्क का उपयोग कर सकती हैं। अधिकारियों को एंटी-ट्रैकिंग उपकरणों का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
लेबनान से मिली सीख
लेबनान से मिली सीख
लेबनान में सितंबर 2024 में हुए पेजर और वॉकी-टॉकी विस्फोटों ने हड़कंप मचा दिया था। इन विस्फोटों के माध्यम से हिजबुल्लाह के नेताओं और अधिकारियों को निशाना बनाया गया था, जिसमें 42 लोग मारे गए थे, जिनमें 12 नागरिक भी शामिल थे। इस घटना में चार हजार से अधिक लोग घायल हुए थे।
इजरायल ने पहले इस हमले से खुद को अलग रखा, लेकिन बाद में प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने हमलों की जिम्मेदारी ली। उन्होंने हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की हत्या का श्रेय लिया और कहा कि यह उनके और रक्षा अधिकारियों के विरोध के बावजूद हुआ। इस बयान के बाद पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट को हटा दिया गया, जिन्होंने गाजा अभियानों पर असहमति जताई थी।
IRIB कार्यालय पर हमला
IRIB के दफ्तर पर हमला
सोमवार को इजरायली वायु सेना ने तेहरान में ईरानी राज्य प्रसारक IRIB के कार्यालय पर हमला किया। इजरायल का दावा है कि IRIB को ईरानी सेना के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। इस हमले के कारण प्रसारण बाधित हुआ और एक एंकर को स्टूडियो से भागना पड़ा। ईरान ने जवाब में इजरायल पर मिसाइलें दागीं, जिन्हें आयरन डोम ने रोक लिया। ईरान ने साइबर हमलों की आशंका जताई है। लेबनान की घटना के बाद ईरानी अधिकारी सतर्क हैं। इजरायल ने भी अपनी सुरक्षा बढ़ा दी है। भारत ने अपने नागरिकों को तेहरान छोड़ने की सलाह दी है।