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ईरान-इजरायल संघर्ष: अमेरिका की अनिश्चितता और पुतिन का समर्थन

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष ने अब नौवें दिन में प्रवेश कर लिया है, जिसमें अमेरिका की अनिश्चितता और रूस का समर्थन महत्वपूर्ण बन गया है। बेंजामिन नेतन्याहू ने तानाशाहों से हमले की कीमत वसूलने की बात की है, जबकि ट्रंप ने सीजफायर के बारे में कुछ बड़ा सोचने का संकेत दिया है। पुतिन ने ईरान के साथ रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है, जिससे अमेरिका की पश्चिम एशिया नीति को झटका लग सकता है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और अधिक।
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ईरान-इजरायल संघर्ष: अमेरिका की अनिश्चितता और पुतिन का समर्थन

संघर्ष का नौवां दिन

ईरान और इजरायल के बीच चल रही लड़ाई अब नौवें दिन में प्रवेश कर चुकी है। पिछले हफ्ते जो लोग चलते-फिरते थे, अब वे केवल आंकड़ों में तब्दील हो गए हैं। न तो इजरायल के हवाई हमले थम रहे हैं और न ही ईरान की मिसाइलें। यह संघर्ष दोनों देशों के संसाधनों को तेजी से समाप्त कर रहा है। ईरान के पास अब मिसाइल लॉन्चर्स की कमी होती जा रही है, जबकि इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम उनके हमलों को अधिक प्रभावी बना रहा है। इस बीच, ईरान में व्यापक तबाही हो रही है। इजरायल अब वही स्थिति देख रहा है जो पहले गाजा में होती थी। ईरान की मिसाइलें कभी बंदरगाहों पर तो कभी रिफाइनरियों पर गिर रही हैं। बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि तानाशाहों से हमले की पूरी कीमत वसूली जाएगी। लेकिन इस सब के बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चर्चा सबसे अधिक हो रही है।


ट्रंप की अनिश्चितता

जी7 की बैठक से अचानक निकलते हुए, ट्रंप ने एयर फोर्स वन की ओर बढ़ते समय पत्रकारों से कहा कि वह सीजफायर के बारे में कुछ बड़ा सोच रहे हैं। हालांकि, यह बड़ा क्या होगा, यह केवल ट्रंप ही जानते हैं। इसके बाद, रक्षा मंत्री और सलाहकारों के साथ उनकी बैठक ने यह संकेत दिया कि ईरान पर हमला किसी भी समय हो सकता है। लेकिन फिर उन्होंने एक किंतु परंतु वाला बयान दिया कि ईरान पर हमला किया जा सकता है या नहीं भी। इससे तीसरे विश्व युद्ध की संभावना, जो पहले से ही रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान चर्चा में थी, एक बार फिर से टलती हुई प्रतीत हो रही है।


पुतिन का समर्थन

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ईरान के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है, जो अमेरिका की पश्चिम एशिया नीति को एक बड़ा झटका दे सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गठबंधन युद्ध की स्थिति को पूरी तरह से बदल सकता है। पुतिन ने कहा है कि वह ईरान को मदद देने के लिए तैयार हैं और इजरायल के खिलाफ अपनी सैन्य ताकत को मध्य पूर्व में तैनात करने के लिए भी तैयार हैं। इसके परिणामस्वरूप, अमेरिका ने ईरान पर हमले की योजना में बदलाव किया है। जी7 की बैठक छोड़कर लौटने वाले ट्रंप किसी भी कार्रवाई से इनकार कर रहे हैं, जिसका कारण रूस की चेतावनी है। रूस ने कहा है कि ईरान के परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमला एक बड़ा परमाणु हादसा पैदा कर सकता है।


संघर्ष की बढ़ती संभावना

पुतिन ने ईरान को समर्थन देने के लिए खुद को पेश किया है, चाहे वह एयर डिफेंस सहयोग हो या अन्य सहायता। उन्होंने कहा है कि दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही है और संघर्ष की संभावना बढ़ रही है। पुतिन ने यह भी दावा किया है कि रूस और ईरान एक ही ताकत के खिलाफ लड़ाई कर रहे हैं।