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ईरान-इजरायल संघर्ष: खामेनेई की कसम और ट्रंप की चेतावनी

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध का 11वां दिन है, जिसमें खामेनेई ने इजरायल को दंडित करने की कसम खाई है। अमेरिका द्वारा ईरान पर हमले के बाद ट्रंप ने चेतावनी दी है कि मध्य पूर्व में शांति स्थापित करनी होगी। इस बीच, ईरान ने यूएनएससी में अपने तेवर दिखाए हैं। जानें इस संघर्ष के पीछे की कहानी और खामेनेई के हालिया बयानों का क्या मतलब है।
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ईरान-इजरायल संघर्ष: खामेनेई की कसम और ट्रंप की चेतावनी

ईरान और इजरायल के बीच युद्ध का 11वां दिन

ईरान-इजरायल युद्ध: ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष अब 11 दिन पूरे कर चुका है। दोनों देश एक-दूसरे पर लगातार मिसाइलों की बौछार कर रहे हैं। हाल ही में अमेरिका ने भी ईरान पर हमला किया, जिसके बाद ट्रंप के बयान में बदलाव देखा गया। ईरानी सुप्रीम लीडर खामेनेई ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा है कि वह इजरायल को माफ नहीं करेंगे और उसे दंडित करने की कसम खाई है। उनके अनुसार, तेल अवीव पर हमले और तेज किए जा सकते हैं। लेकिन इस बीच एक सवाल उठता है कि खामेनेई ने अमेरिकी हमलों का उल्लेख क्यों नहीं किया।


खामेनेई का हालिया बयान

क्या कहता है उनका लेटेस्ट पोस्ट?


खामेनेई ने अपने हालिया पोस्ट में लिखा है, "सजा जारी है, जायोनी दुश्मन ने एक बड़ी गलती की है, जिसके लिए उसे दंड मिलना चाहिए और वह दंड मिल रहा है।" यह बयान अमेरिका द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' के बाद आया है।


ट्रंप का बयान

Trump क्या बोलें?


डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा कि ईरान पर हमले का उद्देश्य "ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को नष्ट करना और आतंकवाद को पनाह देने वाले देश को रोकना है।" उन्होंने चेतावनी दी कि मध्य पूर्व में दबंगई पर रोक लगानी होगी, अन्यथा भविष्य में स्थिति और गंभीर हो सकती है।


UNSC में ईरान का तेवर

UNSC मीटिंग में ईरान के दिखे तेवर!


अमेरिका द्वारा ईरान पर हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए ईरान ने यूएनएससी की इमरजेंसी मीटिंग में कहा कि उनके पास अपनी रक्षा के लिए सभी सुरक्षित विकल्प मौजूद हैं। वहीं, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अन्य पश्चिमी देशों ने अमेरिका के हमलों का समर्थन किया है।