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ईरान-इजरायल संघर्ष: ट्रंप के दावों पर उठे सवाल

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष में ट्रंप के दावों पर नई रिपोर्ट ने सवाल उठाए हैं। अमेरिका द्वारा किए गए हमले के बाद ईरान का परमाणु कार्यक्रम प्रभावित हुआ है, लेकिन समाप्त नहीं हुआ। जानें इस युद्ध की स्थिति, ईरान के यूरेनियम के बारे में और सीजफायर की घोषणा के पीछे की कहानी।
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ईरान-इजरायल संघर्ष: ट्रंप के दावों पर उठे सवाल

ईरान-इजरायल युद्ध की स्थिति

ईरान-इजरायल युद्ध: 12 जून को ट्रंप ने ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष विराम की अपील की थी। इससे पहले अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर हवाई हमले किए थे। ट्रंप ने दावा किया था कि अमेरिका के बी-2 बॉम्बर ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थलों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। हालांकि, एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस हमले से ईरान का परमाणु कार्यक्रम केवल कुछ समय के लिए प्रभावित हुआ है, लेकिन यह समाप्त नहीं हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फोर्डो, नतांज और इस्फहान में स्थित परमाणु स्थलों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन उन्हें पूरी तरह से नष्ट नहीं किया गया है।


क्या ईरान ने पहले ही यूरेनियम हटा लिया था?

क्या ईरान ने पहले ही यूरेनियम गायब कर दिया था?

युद्ध की शुरुआत के साथ अमेरिका ने स्पष्ट किया था कि वह ईरान को परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं देगा। अमेरिका ने इजरायल के साथ मिलकर ईरान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान ने हमले से पहले अपने परमाणु स्थलों से लगभग 400 किलो यूरेनियम हटा लिया था।


ट्रंप के दावों पर सवाल

ट्रंप को नीचा दिखाने की कोशिश- कैरोलीन लेविट

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने इस रिपोर्ट को लीक करने को ट्रंप को नीचा दिखाने की कोशिश बताया। उन्होंने कहा कि जब 30,000 पाउंड के बम को सटीकता से गिराया जाता है, तो वह पूरी तरह से नष्ट हो जाता है।


ईरान का परमाणु कार्यक्रम

ईरान का परमाणु कार्यक्रम

अमेरिका और खाड़ी देशों को ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं चाहिए। अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि ईरान को परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हमले के बाद ट्रंप के दावों और रिपोर्टों के मद्देनजर, यह संभावना जताई जा रही है कि ईरान भविष्य में अपने परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू कर सकता है। इजरायल ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान ने फिर से परमाणु कार्यक्रम शुरू किया, तो उस पर फिर से हमला किया जाएगा।


सीजफायर की घोषणा

सीजफायर का ऐलान

ईरान और इजरायल के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा था, जो 12 जून को संघर्ष में बदल गया। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर मिसाइलों और ड्रोन से हमले किए, जिसमें 600 से अधिक लोग मारे गए और हजारों घायल हुए। 18 जून को ट्रंप ने कहा कि वह अगले दो हफ्तों में ईरान पर हमले पर विचार करेंगे। हालांकि, ट्रंप के बयान के 72 घंटे बाद ही अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया। इसके बाद ट्रंप ने शांति की अपील की और 24 जून को युद्ध विराम की घोषणा की।