ईरान-इजरायल संघर्ष: भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी की तैयारी

ईरान पर इजरायल के हवाई हमले
नई दिल्ली: इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) ने शुक्रवार को जानकारी दी कि उसने गुरुवार रात को तेहरान में कई हवाई हमले किए। इन हमलों का लक्ष्य ईरान के मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रमों से जुड़े ठिकाने थे, जिनमें मिसाइल निर्माण की सैन्य औद्योगिक इकाइयां और ईरान के डिफेंस इनोवेशन और रिसर्च संगठन (एसपीएनडी) का मुख्यालय शामिल हैं।
ईरान का प्रतिक्रिया
इस संघर्ष पर भारत में ईरान के दूतावास ने इजरायल पर आम नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। ईरान दूतावास के उप प्रमुख मोहम्मद जावेद हुसैनी ने कहा कि अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है कि ईरान परमाणु बम बना रहा है, फिर भी इस बहाने से हमला किया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस संघर्ष में कोई तीसरा देश शामिल होता है, तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
ईरान का शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम
हुसैनी ने एक प्रेस ब्रीफिंग में स्पष्ट किया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। उन्होंने कहा कि ईरान को आत्मरक्षा का अधिकार है और उसी के तहत वे जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान के पास कोई परमाणु बम नहीं है और वे युद्ध नहीं चाहते, लेकिन किसी भी दबाव में नहीं आएंगे।
भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी
इस बीच, हुसैनी ने भारत का आभार व्यक्त किया, जिसने ईरान के लोगों के प्रति संवेदना दिखाई है। उन्होंने भारतीयों की सुरक्षित निकासी के लिए भारत सरकार के साथ सहयोग करने की बात की। ईरान के मशाद शहर में 1000 भारतीयों को सुरक्षित स्थानांतरित किया गया है, जहां से उन्हें तीन विशेष विमानों के माध्यम से भारत लाया जाएगा। इनमें से पहली उड़ान आज रात 11:15 बजे भारत पहुंचेगी।