ईरान-इजरायल संघर्ष में नया मोड़: परमाणु हथियारों का विवाद

ईरान-इजरायल युद्ध में नया मोड़
ईरान-इजरायल संघर्ष: इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध में एक नया मोड़ आया है, जिससे दोनों देशों के बीच युद्ध की शुरुआत के कारणों पर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने अपने पूर्व के बयान से पलटते हुए कहा है कि ईरान के पास परमाणु हथियार बनाने के कोई ठोस सबूत नहीं हैं।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब इस संघर्ष को आठ महीने हो चुके हैं और दोनों पक्षों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
ईरान के परमाणु हथियारों का कोई सबूत नहीं
IAEA के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने कहा है कि ईरान के परमाणु हथियार विकसित करने के कोई प्रमाण नहीं हैं। उनके इस बयान के बाद इजरायल ने हमले शुरू किए, जिसके जवाब में ईरान ने इजरायल के ठिकानों पर मिसाइलों से हमला किया। हाल ही में, ईरान ने एक अस्पताल को भी निशाना बनाया, जिसमें कई लोग घायल हुए।
ग्रॉसी ने कहा, "सैटेलाइट चित्रों से स्पष्ट है कि इजरायल जहां भी परमाणु संयंत्रों पर हमला कर रहा है, वहां रेडिएशन का कोई संकेत नहीं है।" यह दावा किया गया है कि इजरायल ने ईरान के परमाणु स्थलों को नष्ट करने का प्रयास किया है। अमेरिका भी इस युद्ध में शामिल होने की संभावना व्यक्त कर रहा है, क्योंकि वह इजरायल का समर्थन करता है और ईरान को कई बार चेतावनी दे चुका है।
ईरान का प्रतिक्रिया
ईरान ने इजरायल के साथ चल रहे युद्ध के संदर्भ में कहा है कि IAEA का यह बयान बहुत देर से आया है, क्योंकि युद्ध पहले ही शुरू हो चुका है। ईरान का आरोप है कि IAEA की गलत रिपोर्ट के कारण इजरायल ने उस पर हमला किया है।