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ईरान-इजरायल संघर्ष: राफेल ग्रॉसी के बयान से बदल सकती है स्थिति

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष में राफेल ग्रॉसी के हालिया बयान ने स्थिति को नया मोड़ दिया है। ग्रॉसी ने स्पष्ट किया है कि IAEA को ईरान के परमाणु हथियार बनाने के कोई सबूत नहीं मिले हैं, जिससे इजरायल के हमले का आधार कमजोर पड़ गया है। इस लेख में ग्रॉसी के करियर, उनके अनुभव और ईरान की प्रतिक्रिया पर चर्चा की गई है। क्या यह बयान युद्ध की दिशा को बदल सकता है? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
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ईरान-इजरायल संघर्ष: राफेल ग्रॉसी के बयान से बदल सकती है स्थिति

ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की स्थिति

ईरान-इजरायल युद्ध: ईरान और इजरायल के बीच पिछले आठ दिनों से संघर्ष जारी है। इजरायल का कहना है कि ईरान परमाणु बम बनाने के करीब पहुंच चुका है, और इसी खतरे को रोकने के लिए उसने हमला किया। इस दावे का आधार अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की पुरानी रिपोर्टें थीं, जिनमें ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी। लेकिन अब वही एजेंसी और उसके प्रमुख राफेल ग्रॉसी, जिनकी रिपोर्ट को इजरायल ने हमले का आधार बनाया था, अब उस दावे से पीछे हटते नजर आ रहे हैं। सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में ग्रॉसी ने स्पष्ट किया कि IAEA को ईरान के खिलाफ ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह साबित हो सके कि वह परमाणु हथियार बना रहा है। इसका मतलब है कि नेतन्याहू ने युद्ध शुरू करने के लिए जिस खतरे का हवाला दिया था, वह अब कागजों पर मौजूद नहीं है। यह बयान युद्ध की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।


राफेल ग्रॉसी का परिचय

राफेल ग्रॉसी कौन हैं?

राफेल मारियानो ग्रॉसी एक अनुभवी राजनयिक हैं। वे दिसंबर 2019 से IAEA के प्रमुख हैं और उन्हें परमाणु अप्रसार, निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में चार दशकों का अनुभव है। वे पहले ऑस्ट्रिया में अर्जेंटीना के राजदूत रह चुके हैं और NSG (परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह) और OPCW जैसे संगठनों में भी शीर्ष पदों पर रह चुके हैं।


IAEA के प्रमुख बनने से पहले का सफ़र

IAEA के प्रमुख बनने से पहले का सफ़र

ग्रॉसी ने 2013 में वियना में IAEA और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में अर्जेंटीना का प्रतिनिधित्व किया था। 2010 से 2013 तक, वे IAEA में नीति के लिए सहायक महानिदेशक और कैबिनेट के प्रमुख थे। इससे पहले, उन्होंने रासायनिक हथियारों के निषेध संगठन (OPCW) में भी शीर्ष पद संभाला था। उन्होंने बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग और NATO में भी अर्जेंटीना का प्रतिनिधित्व किया है।


डिग्री और सम्मान

डिग्री और सम्मान

ग्रॉसी ने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में पीएचडी की है और कई अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट और अन्य सम्मान प्राप्त किए हैं। उन्हें अर्जेंटीना, इटली, ब्राजील, ऑस्ट्रिया, कजाकिस्तान और पैराग्वे जैसे देशों से प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं। 2023 में रोम ने उन्हें 'मानद नागरिक' भी घोषित किया।


ग्रॉसी के बयान से ईरान की प्रतिक्रिया

ग्रॉसी के बयान से ईरान भी भड़का

ईरान का आरोप है कि IAEA की पुरानी रिपोर्ट्स में जानबूझकर डर फैलाया गया और इजरायल को हमले का नैरेटिव दिया गया। अब जब ग्रॉसी सच बोल रहे हैं, वो भी बहुत देर से। ईरान के पूर्व विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने निर्दोष लोगों की मौत के लिए अप्रत्यक्ष रूप से ग्रॉसी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि IAEA की गलत और गैरजिम्मेदाराना रिपोर्टिंग के कारण ईरान के कई निर्दोष लोग मारे गए। उन्होंने इसे एजेंसी की विश्वसनीयता के लिए अपूरणीय क्षति बताया और ग्रॉसी को जिम्मेदार ठहराया।