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ईरान-इजरायल संघर्ष: शांति की पुकार के बीच बिछ रहे ताबूत

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष ने आम लोगों की जिंदगी को कठिन बना दिया है। दोनों देशों में सैकड़ों नागरिकों की जानें जा चुकी हैं, और शांति की पुकार उठ रही है। ईरान के माजंदरान प्रांत में जनाजों की कतारें हैं, जबकि इजरायल में शोक का माहौल है। इस संघर्ष का कोई समाधान नहीं निकलता दिख रहा है, और दोनों पक्षों के ताबूत एक ही संदेश दे रहे हैं: युद्ध नहीं, शांति चाहिए।
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ईरान-इजरायल संघर्ष: शांति की पुकार के बीच बिछ रहे ताबूत

संघर्ष का भयावह असर

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे खूनी संघर्ष ने आम लोगों की जिंदगी को कठिन बना दिया है। ईरान के माजंदरान प्रांत में जनाजों की कतारें हैं, वहीं इजरायल के होलोन में भी शोक का माहौल है। युद्ध के नौवें दिन तक दोनों देशों ने अपने सैकड़ों नागरिकों को खो दिया है। बारूद की गंध, ताबूतों की कतारें और आंसुओं से भरी आंखें इस बात का प्रमाण हैं कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है।


जान गंवाने वाले नागरिक

इस संघर्ष में अब तक ईरान के 639 और इजरायल के 24 नागरिक अपनी जान गंवा चुके हैं। ईरानी सड़कों पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने वालों की भीड़ उमड़ रही है, जबकि इजरायली गलियों में खामोशी है। फिर भी, दोनों देशों के ताबूत एक ही संदेश दे रहे हैं: युद्ध नहीं, शांति चाहिए।


माजंदरान में मातम

उत्तर ईरान के 'सारी' शहर की सड़कों पर इन दिनों सन्नाटा छाया हुआ है। यहां न कोई रंग है, न रौनक—बस हर रोज जनाजों की कतारें निकल रही हैं। इजरायल के हमलों में मारे गए लोगों को सम्मान के साथ विदाई दी जा रही है। महिलाएं ताबूतों को छूकर सलाम करती हैं, बच्चे और बुजुर्ग बिलखते हैं, और पूरा शहर मातम में डूबा हुआ है।


शहीदों को अंतिम विदाई

सारी शहर की गलियों में लोग इस उम्मीद से इकट्ठा हुए हैं कि शायद वे अपने किसी 'शहीद' को कंधा दे सकें। काले हिजाब में लिपटी महिलाएं और सफेद पगड़ियों में पुरुष अपने गम और गुस्से के साथ सड़कों पर हैं। वे इजरायल के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर रहे हैं।


इजरायल में शांति का माहौल

वहीं, इजरायल के होलोन में एक अधेड़ व्यक्ति अकेले शव लेकर यहूदी संस्कार स्थल पहुंचता है। यहां भी आंसू बह रहे हैं, श्रद्धांजलि दी जा रही है, लेकिन माहौल में खामोशी है।


ताबूतों का संदेश

ईरान की सड़कों पर उठते जनाजे और इजरायल के सुनसान गलियों में बहते आंसू एक ही बात कह रहे हैं—यह जंग सिर्फ जिंदगी छीन रही है, कोई समाधान नहीं दे रही। हर ताबूत दुनिया से कह रहा है कि मिसाइलों की नहीं, बातचीत की जरूरत है।


जंग का नौवां दिन

यह युद्ध अब अपने नौवें दिन में प्रवेश कर चुका है और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। दोनों देशों में हमलों और जवाबी कार्रवाई का सिलसिला जारी है। अभी तक ईरान और इजरायल के बीच कोई ठोस शांति प्रयास शुरू नहीं हुए हैं.