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ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव: क्या हैं इसके गंभीर परिणाम?

ईरान और अमेरिका के बीच तनाव एक बार फिर से बढ़ गया है, जब अमेरिका ने तेहरान के परमाणु स्थलों पर बमबारी की। ईरान के विदेश मंत्री ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है और चेतावनी दी है कि इसके गंभीर परिणाम होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस हमले की पुष्टि की है, जबकि ईरान ने आत्मरक्षा का अधिकार जताया है। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और इसके संभावित परिणाम क्या हो सकते हैं।
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ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव: क्या हैं इसके गंभीर परिणाम?

ईरान और अमेरिका के बीच तनाव की नई लहर

ईरान अमेरिका: ईरान और अमेरिका के बीच तनाव एक बार फिर से बढ़ गया है। अमेरिका द्वारा तेहरान के परमाणु स्थलों पर बमबारी के बाद, ईरान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि इस हमले के "शाश्वत परिणाम" होंगे और ईरान को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है।


अमेरिकी हमलों पर ईरान की प्रतिक्रिया

तेहरान के परमाणु स्थलों फोर्दो, नतांज और इस्फहान पर अमेरिकी हमलों के बारे में अराघची ने कहा कि अमेरिका ने शांतिपूर्ण परमाणु स्थलों पर हमला करके एक आपराधिक कार्य किया है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी अमेरिकी विमान सुरक्षित रूप से ईरानी हवाई क्षेत्र से बाहर निकल चुके हैं।



ईरान का आधिकारिक बयान

ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अमेरिका के हमलों की निंदा की। उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होने के बावजूद अमेरिका ने UN चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का गंभीर उल्लंघन किया है।" उन्होंने चेताया कि, "इस सुबह की घटनाएं अत्यंत निंदनीय हैं और इनके शाश्वत परिणाम होंगे।"


अराघची ने आगे कहा, "संयुक्त राष्ट्र चार्टर में आत्मरक्षा का जो प्रावधान है, उसके तहत ईरान अपनी संप्रभुता, हितों और जनता की रक्षा के लिए सभी विकल्पों को अपनाने का अधिकार रखता है।"


ट्रंप ने हमले की पुष्टि की

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को 'ट्रुथ सोशल' पर पोस्ट करते हुए इन हमलों की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि अमेरिकी सेना ने फोर्दो, नतांज और इस्फहान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए हैं और सभी विमान अब सुरक्षित ईरानी वायु सीमा से बाहर निकल चुके हैं।


ट्रंप ने कहा, "हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्दो, नतांज और इस्फहान पर बहुत सफल हमला किया है। सभी विमान सुरक्षित वापस लौट रहे हैं। फोर्दो पर पूरा बमभार गिराया गया। हमारे महान अमेरिकी सैनिकों को बधाई। अब शांति का समय है।"


हमले का कारण

ट्रंप प्रशासन ने ईरान को दो सप्ताह का समय दिया था कि वह परमाणु कार्यक्रम को लेकर राजनयिक समाधान निकाले। जब इस मुद्दे पर कोई समाधान नहीं निकला, तब अमेरिका ने यह सैन्य कार्रवाई की।


गौरतलब है कि ईरान लंबे समय से अपने परमाणु कार्यक्रम को शांतिपूर्ण बता रहा है, जबकि अमेरिका और उसके सहयोगी देश इसे एक संभावित खतरा मानते हैं।


ईरान की अपील

अराघची ने कहा कि दुनिया के हर देश को अमेरिका के इस गैरकानूनी और खतरनाक व्यवहार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र के हर सदस्य को इस खतरनाक, गैरकानूनी और आपराधिक व्यवहार से चिंतित होना चाहिए।"