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ईरान और इजराइल के बीच बढ़ता तनाव: युद्ध की आशंका

ईरान और इजराइल के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, जिसमें ईरान ने परमाणु हथियारों पर बातचीत से इनकार किया है। इजराइल ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमले किए हैं, जबकि अमेरिका स्थिति का आकलन कर रहा है। ईरानी विदेश मंत्री ने कहा है कि इजरायली हमले बंद होने पर ही वार्ता संभव है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और क्या हो सकता है आगे।
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ईरान और इजराइल के बीच तनाव की स्थिति

ईरान और इजराइल के बीच तनाव में वृद्धि हो रही है। ईरान ने अपने परमाणु हथियारों पर बातचीत करने से इनकार कर दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच युद्ध की संभावना फिर से बढ़ गई है। ईरान ने यूरोपीय देशों के साथ बातचीत करने से भी मना कर दिया है। ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और यूरोपीय संघ ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु मुद्दे पर वार्ता शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं।


युद्ध के आठवें दिन, इजराइल ने एक बार फिर ईरान के परमाणु हथियारों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके जवाब में, ईरान ने बीरशेबा शहर पर हमला किया, जिसमें छह लोग घायल हुए। इसके अलावा, ईरान ने हाइफा पर भी हमला किया, जिसमें 17 लोग घायल हुए। इजराइल के हमलों के दौरान, हजारों लोग ईरान में जुमे की नमाज के लिए बाहर निकले और इजराइल और अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी की।


अमेरिका ने अभी तक इस स्थिति पर कोई निर्णय नहीं लिया है। इजरायली सेना ने ईरान में कई सैन्य ठिकानों, मिसाइल निर्माण संयंत्रों, अनुसंधान संस्थानों और परमाणु स्थलों पर हमले किए हैं। हाल ही में, इजरायल ने मध्य तेहरान में एक आवासीय इमारत को भी निशाना बनाया। व्हाइट हाउस ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमले का निर्णय नहीं लिया है और वह दो सप्ताह बाद स्थिति का आकलन करेंगे।


इस बीच, अमेरिका ईरान के साथ बातचीत करने की संभावना पर विचार कर रहा है। इस पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनकी सेना अकेले ईरान से निपटने में सक्षम है। जिनेवा में ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने स्पष्ट किया कि उनका देश इजरायली हमलों के दौरान अमेरिका से बातचीत के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि परमाणु वार्ता फिर से शुरू करनी है, तो इजरायली हमले बंद होने चाहिए।