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ईरान और इजराइल के बीच बढ़ती तनाव की नई परतें

ईरान ने हाल ही में दावा किया है कि उसने इजराइल के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की है, जिससे तनाव और बढ़ गया है। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के प्रमुख ने इसे खुफिया युद्ध में एक ऐतिहासिक जीत बताया है। ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने इजराइल को चेतावनी दी है कि यदि वह कोई दुस्साहसिक कदम उठाता है, तो उसके गुप्त परमाणु स्थलों को निशाना बनाया जाएगा। जानें इस खुफिया ऑपरेशन के पीछे की कहानी और इसके संभावित परिणाम।
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ईरान और इजराइल के बीच बढ़ती तनाव की नई परतें

ईरान का दावा: इजराइल के परमाणु कार्यक्रम की जानकारी हासिल

ईरान-इजराइल तनाव: ईरान ने यह जानकारी दी है कि उसके खुफिया एजेंटों ने इजराइल के परमाणु कार्यक्रम और सुरक्षा ढांचे से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की है। इस जानकारी के माध्यम से ईरान इजराइली ठिकानों को अधिक सटीकता से निशाना बना सकता है।


खुफिया युद्ध में ईरान की ऐतिहासिक जीत

ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के प्रमुख मेजर जनरल हुसैन सलामी ने इस ऑपरेशन को खुफिया युद्ध में एक महत्वपूर्ण जीत बताया है। उन्होंने इसे 'ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड II' का हिस्सा बताया।


गोपनीय जानकारी की जब्ती

सलामी ने ईरानी खुफिया मंत्री इस्माइल खतीब को इस सफलता पर बधाई दी और कहा कि यह ईरान की खुफिया क्षमताओं का प्रमाण है। रिपोर्ट्स के अनुसार, एजेंटों ने इजराइल के परमाणु और सैन्य ढांचे से जुड़ी सभी गोपनीय जानकारी हासिल की है, जिसमें वे ठिकाने भी शामिल हैं जो इजराइल के छिपे हुए परमाणु कार्यक्रम से संबंधित हैं।


आईआरजीसी कमांडर की टिप्पणी

सलामी ने कहा कि इस महत्वपूर्ण जानकारी के चलते ईरान अब इजराइल के खिलाफ और प्रभावी कदम उठा सकेगा। उन्होंने इसे एक ऐसा क्षण बताया जिसने इजराइल की खुफिया और सुरक्षा शक्ति के 'झूठे बुलबुले' को तोड़ दिया।


इजराइल की सुरक्षा प्रणाली पर हमला

आईआरजीसी कमांडर ने यह भी कहा कि यह ऑपरेशन दर्शाता है कि ईरान इजराइल की सुरक्षा प्रणाली की 'छिपी परतों' तक पहुँचने में सक्षम है। यह केवल एक खुफिया ऑपरेशन नहीं था, बल्कि एक मनोवैज्ञानिक झटका भी था।


ईरान का अल्टीमेटम

ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने स्पष्ट किया है कि यदि इजराइल कोई दुस्साहसिक कदम उठाता है, तो उसके 'गुप्त परमाणु स्थलों' को निशाना बनाया जाएगा। यह एक सीधा अल्टीमेटम है और यह चेतावनी केवल शब्दों तक सीमित नहीं है।


पिछले वर्ष, ईरान ने ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस के तहत कई संवेदनशील इजराइली ठिकानों पर सफलतापूर्वक हमले किए थे। सलामी ने कहा, 'यह आखिरी हमला नहीं है, बल्कि कर्तव्य और छल के बीच चल रही लड़ाई में सच्चाई की जीत का संकेत है।'