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ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव पर गंभीर चेतावनी

ईरान के सैन्य सलाहकार याह्या रहीम सफवी ने अमेरिका और इजरायल के साथ संभावित युद्ध की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि ईरान को अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने की आवश्यकता है और आक्रामक रणनीति अपनानी चाहिए। इस बयान के बाद क्षेत्र में तनाव और बढ़ने की संभावना है। जानें इस स्थिति के पीछे की वजहें और ईरान की रणनीति के बारे में।
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ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव पर गंभीर चेतावनी

ईरान के सैन्य सलाहकार का बयान

ईरान-इजरायल संघर्ष: ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के प्रमुख सैन्य सलाहकार और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के पूर्व कमांडर याह्या रहीम सफवी ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अमेरिका या इजरायल के साथ किसी भी समय नया युद्ध शुरू हो सकता है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब क्षेत्र में तनाव पहले से ही बढ़ा हुआ है और हाल ही में अमेरिका और इजरायल ने ईरान पर हवाई हमले किए थे.


युद्ध की स्थिति में ईरान

सफवी ने ईरानी मीडिया से कहा कि हम युद्धविराम की स्थिति में नहीं हैं। हम युद्ध की स्थिति में हैं। अमेरिका और इजरायल के साथ कोई समझौता या नियम लागू नहीं है। उनका मानना है कि एक और युद्ध संभव है, जिसके बाद शायद कोई युद्ध न बचे। उन्होंने कहा कि ईरान को हर मोर्चे पर अपनी ताकत बढ़ानी होगी क्योंकि इस दुनिया में कमजोर को कुचला जाता है.


आक्रामक रणनीति की आवश्यकता

ड्रोन और साइबर क्षमताओं को मजबूत करना


उन्होंने यह भी कहा कि ईरान की रणनीति केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक भी होनी चाहिए। इसके लिए कूटनीति, मीडिया, मिसाइल, ड्रोन और साइबर शक्ति को मजबूत करने की आवश्यकता है। सफवी ने कहा कि हम सेना में सबसे बुरे हालात को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाते हैं और उसके लिए तैयार रहते हैं.


ईरान की आंतरिक सुरक्षा पर प्रभाव

इजरायल के हमलों का असर


यह बयान तब आया है जब जून में इजरायल और अमेरिका ने ईरान पर बड़े हमले किए थे। इजरायली वायुसेना ने तेहरान में IRGC के महत्वपूर्ण ठिकानों पर बमबारी की थी, जिनमें बसीज मुख्यालय और अलबोरज कोर शामिल थे। इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने दावा किया कि इन हमलों से ईरान की आंतरिक सुरक्षा पर बड़ा असर पड़ा है.


परमाणु कार्यक्रम को नुकसान

नेतन्याहू का बयान


इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इस अभियान से ईरान के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रम को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि ईरान हमें मिटाना चाहता है, इसलिए हमने यह ऑपरेशन शुरू किया। हम अपने अस्तित्व के दो सबसे बड़े खतरों को खत्म करने के बहुत करीब हैं.


ऑपरेशन मिडनाइट हैमर

अमेरिका का हमला


अमेरिका ने भी पुष्टि की है कि उसने 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' के तहत फोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थित ईरान की तीन प्रमुख परमाणु साइटों पर हमला किया था। पेंटागन का कहना है कि इन हमलों से ईरान की परमाणु क्षमता को कमजोर किया गया है। इस बीच, सफवी का बयान इस ओर इशारा करता है कि ईरान आने वाले समय में न केवल अपनी सैन्य ताकत बढ़ाएगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आक्रामक नीति अपना सकता है। इससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है और भविष्य में बड़े संघर्ष की आशंका बनी हुई है.