ईरान का नया रणनीतिक कदम: यूरोपीय गैंग्स के साथ गठजोड़
ईरान की नई रणनीति
मध्य-पूर्व में चल रही राजनीतिक गतिविधियों के बीच, ईरान ने एक नया रास्ता अपनाया है जो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गया है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, ईरान अब अपनी रणनीतिक दुश्मनी को अंजाम देने के लिए यूरोप के आपराधिक गिरोहों का सहारा ले रहा है। ये गिरोह न तो किसी यूनिफॉर्म में हैं और न ही उनकी कोई आधिकारिक पहचान है। यह जानकारी स्वीडन के एक पब्लिक ब्रॉडकास्टर की डॉक्यूमेंट्री में सामने आई है, जो एक खतरनाक प्रवृत्ति की ओर इशारा करती है।डॉक्यूमेंट्री में बताया गया है कि ईरान की खुफिया एजेंसियों ने यूरोप में सक्रिय आपराधिक गिरोहों को आर्थिक सहायता और संरक्षण की पेशकश की है, ताकि वे अपने लक्ष्यों को चुपचाप समाप्त कर सकें। इस सूची में लंदन स्थित समाचार आउटलेट ईरान इंटरनेशनल भी शामिल है, जो तेहरान के खिलाफ रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है।
डॉक्यूमेंट्री में रावा माजिद का नाम प्रमुखता से लिया गया है, जो एक मोस्ट वांटेड गैंग लीडर है और जिसे 'कुर्दिश फॉक्स' के नाम से जाना जाता है। माजिद, जो Foxtrot गैंग का प्रमुख है, स्वीडन में बम धमाकों और नाबालिगों से कराई गई हत्याओं के लिए कुख्यात है। 2023 में, माजिद ने कथित तौर पर ईरान की यात्रा की, जहां उसे दो विकल्प दिए गए: या तो जेल में रहो या ईरानी मिशन में शामिल हो जाओ। उसने दूसरा विकल्प चुना। उसका पहला मिशन स्टॉकहोम स्थित इजरायली दूतावास पर ग्रेनेड हमला करना था। हालांकि बम नहीं फटा, लेकिन यह स्पष्ट हो गया कि ईरान अब केवल साजिशों का ठिकाना नहीं, बल्कि उनका ऑपरेटर भी बन गया है।
इस कथित गठजोड़ का लक्ष्य केवल पत्रकार नहीं हैं। यूरोप के कई यहूदी धार्मिक स्थल, राजनयिक मिशन और आलोचक भी इस नेटवर्क के निशाने पर हैं। ईरान इंटरनेशनल के पत्रकारों पर पहले भी साइबर हमले, स्टॉकिंग और धमकियों की खबरें आई थीं, लेकिन अब स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
जब भारत में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई जैसे अपराधी सुर्खियों में आते हैं, तब उनकी गतिविधियां देश के भीतर ही सीमित होती हैं। लेकिन स्वीडन में लगभग 14,000 लोग संगठित आपराधिक गिरोहों के सक्रिय सदस्य हैं, और कुल मिलाकर 48,000 से अधिक लोग इनसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं।