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ईरान की चीन के साथ नई डील: क्या इजराइल के लिए खतरा बढ़ रहा है?

ईरान ने इजराइल के संभावित हमले की आशंका को देखते हुए चीन के साथ एक महत्वपूर्ण सैन्य डील की है, जिसके तहत उसे अमोनियम परक्लोरेट पाउडर की आपूर्ति की जाएगी। यह पाउडर बैलिस्टिक मिसाइलों के निर्माण में उपयोग होगा। रिपोर्ट के अनुसार, ईरान 800 मिसाइलें बनाने की योजना बना रहा है, जिससे इजराइल और अमेरिका की चिंताएं बढ़ गई हैं। इसके अलावा, ईरान कुछ मिसाइलें यमन के हूती विद्रोहियों को भी सौंप सकता है। इस डील का क्षेत्रीय असंतुलन पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
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ईरान की चीन के साथ नई डील: क्या इजराइल के लिए खतरा बढ़ रहा है?

ईरान का सैन्य कदम

ईरान ने अपने न्यूक्लियर स्थलों पर इजराइल के संभावित हमले की आशंका को देखते हुए एक महत्वपूर्ण सैन्य निर्णय लिया है। उसने चीन के साथ एक संवेदनशील समझौता किया है, जिसके तहत चीन ईरान को अमोनियम परक्लोरेट पाउडर की आपूर्ति करेगा। यह पाउडर बैलिस्टिक मिसाइलों के निर्माण में उपयोग किया जाएगा और इसका इस्तेमाल इजराइल के खिलाफ हमलों के लिए किया जाएगा.


चीन से मिसाइल निर्माण के लिए सामग्री

वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान चीन से 800 बैलिस्टिक मिसाइलें बनाने के लिए यह पाउडर मंगवा रहा है। यह खेप अगले महीने ईरान पहुंचेगी, जिसके बाद वहां के वैज्ञानिक और तकनीशियन मिसाइल निर्माण की प्रक्रिया शुरू करेंगे। इस खबर ने इजराइल और अमेरिका की चिंताओं को और बढ़ा दिया है, क्योंकि ईरान पहले से ही 3000 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलों का मालिक है। हाल ही में, ईरान ने अपनी मिसाइल क्षमताओं का प्रदर्शन करने वाला एक वीडियो भी जारी किया था.


अमोनियम परक्लोरेट पाउडर का महत्व

अमोनियम परक्लोरेट का रासायनिक सूत्र NH₄ClO₄ है। यह एक सफेद, क्रिस्टलीय और पानी में घुलनशील पाउडर है, जो एक शक्तिशाली ऑक्सीडाइज़र के रूप में कार्य करता है। यह मिसाइलों और रॉकेटों में ईंधन के साथ मिलकर ऑक्सीजन प्रदान करता है, जिससे दहन की प्रक्रिया संभव होती है। इस रसायन के बिना मिसाइल का सफल प्रक्षेपण असंभव है, इसलिए इसकी आपूर्ति किसी भी देश की मिसाइल क्षमता को मजबूत कर सकती है.


हूती विद्रोहियों को संभावित मिसाइलें

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि ईरान इन 800 मिसाइलों में से कुछ को यमन के हूती विद्रोहियों को सौंप सकता है। हूती विद्रोही पहले से ही इजराइल के खिलाफ सक्रिय हैं और हाल ही में उन्होंने तेल अवीव पर मिसाइल हमले भी किए हैं। अमेरिका के साथ भी हूती विद्रोहियों के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं.


पश्चिम एशिया की शांति पर संकट

हिजबुल्लाह और हमास जैसे संगठन इजराइल के जवाबी हमलों के कारण कमजोर हो चुके हैं। ऐसे में, हूती विद्रोही इजराइल के खिलाफ सक्रिय एकमात्र बड़ा समूह बनकर उभरे हैं। ईरान की यह डील क्षेत्रीय असंतुलन को और बढ़ा सकती है। चीन की भूमिका पर भी वैश्विक शक्तियों की नजर है, क्योंकि यह आपूर्ति अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को प्रभावित कर सकती है.