ईरान की सेजिल मिसाइल: इजराइल के लिए एक नया खतरा

ईरान की सेजिल मिसाइल का युद्ध में पहला उपयोग
ईरान की सेजिल मिसाइल की खतरनाक विशेषताएँ: इजराइल के साथ बढ़ते तनाव के बीच, ईरान ने अपनी स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल 'सेजिल' का पहली बार युद्ध में उपयोग किया है। इस हमले को 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3' के तहत इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कोर (IRGC) द्वारा अंजाम दिया गया, जिसका उद्देश्य इजराइल को एक स्पष्ट सैन्य संदेश देना था। सेजिल मिसाइल एक ठोस ईंधन आधारित मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (MRBM) है, जिसकी मारक क्षमता 2,000 से 2,500 किलोमीटर तक है। इसका मतलब है कि अगर इसे ईरान के नतांज़ जैसे स्थान से दागा जाए, तो यह केवल 7 मिनट में इजराइल के प्रमुख शहर तेल अवीव को निशाना बना सकती है।
इजराइल पर मिसाइल हमले का प्रभाव
ईरान ने पहली बार इजराइल के खिलाफ सेजिल मिसाइल का उपयोग किया, जिससे दक्षिणी इजराइल के शहर बीरशेबा में भारी नुकसान हुआ। इस हमले में रिहाइशी इमारतों और अस्पतालों को भी निशाना बनाया गया। ईरान ने इस हमले को अंजाम देने के लिए दो अन्य मिसाइलों का भी सहारा लिया। भारत में ईरान के दूतावास ने एक पोस्ट में कहा कि सेजिल मिसाइल ईरान के शक्तिशाली हथियारों में से एक है, जो दूर से लक्ष्यों को भेदने की क्षमता रखती है।
सेजिल मिसाइल की विशेषताएँ
सेजिल मिसाइल को 35 साल पहले ईरान ने विकसित किया था, और इसका पहला सफल परीक्षण 13 नवंबर 2008 को हुआ। यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, और इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे तुरंत लॉन्च किया जा सकता है और इसे छिपाना भी आसान है। इसकी रेंज लगभग 2,000 से 2,500 किलोमीटर है, और यह 500 से 700 किलोग्राम विस्फोटक ले जाने की क्षमता रखती है, जिससे इसमें परमाणु ले जाने की संभावना भी है। इसकी गति लगभग 6,000 किमी/घंटा है।
क्या सेजिल मिसाइल भविष्य में खतरा बन सकती है?
इजराइल का दावा है कि उनकी डिफेंस फोर्स (IDF) ने इस मिसाइल को सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट कर लिया है। फिर भी, सेजिल का उपयोग यह दर्शाता है कि ईरान अब अपने रणनीतिक हथियारों को संघर्ष में शामिल करने से हिचकिचा नहीं रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि सेजिल मिसाइल का उपयोग न केवल मध्य पूर्व की सामरिक स्थिरता को चुनौती देता है, बल्कि यह बड़ी शक्तियों को अपनी सुरक्षा नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए भी मजबूर कर सकता है।