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ईरान के केंद्रीय बैंक को आतंकवादी संगठन घोषित करने का इजरायल का बड़ा कदम

ईरान और इजरायल के बीच हाल ही में संघर्षविराम हुआ है, लेकिन तनाव अब भी बना हुआ है। इजरायल ने ईरान के केंद्रीय बैंक को आतंकवादी संगठन घोषित किया है, जिसका उद्देश्य ईरानी आतंकवादी ढांचे की आर्थिक नींव को कमजोर करना है। रक्षा मंत्री ने कहा कि ईरान का केंद्रीय बैंक आतंकवादी संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यदि ईरान ने संघर्षविराम का उल्लंघन किया, तो इजरायल पूरी ताकत से जवाब देगा। इस निर्णय का ईरानी अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
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ईरान के केंद्रीय बैंक को आतंकवादी संगठन घोषित करने का इजरायल का बड़ा कदम

ईरान और इजरायल के बीच बढ़ता तनाव

हाल ही में ईरान और इजरायल के बीच संघर्षविराम हुआ है, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव अब भी बना हुआ है। इस बीच, इजरायल ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए ईरान के केंद्रीय बैंक को आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता दी है। यह कदम 12 दिन तक चले संघर्ष के बाद उठाया गया है, जिसका उद्देश्य ईरानी आतंकवादी ढांचे की आर्थिक नींव को कमजोर करना बताया जा रहा है।


ईरान के सेंट्रल बैंक पर गंभीर आरोप

इजरायल के रक्षा मंत्री ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि उन्होंने मोसाद और राष्ट्रीय आर्थिक युद्ध मुख्यालय के अनुरोध पर यह आदेश जारी किया है। उनका कहना है कि ईरान का केंद्रीय बैंक आतंकवादी संगठनों को अरबों डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जिससे देश के दुश्मनों की ताकत में वृद्धि होती है। यह बैंक हिज्बुल्लाह, हौती विद्रोहियों, इराकी शिया मिलिशिया, हमास, और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स जैसे संगठनों को आर्थिक मदद देता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब कोई भी ईरानी सरकारी संस्था जो आतंकवाद में शामिल है, उसे बख्शा नहीं जाएगा।


संघर्षविराम के उल्लंघन पर इजरायल की चेतावनी

संघर्षविराम को लेकर इजरायली रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान किसी भी तरह से युद्धविराम का उल्लंघन करता है, तो इजरायली रक्षा बल (IDF) को पूरी ताकत से जवाब देने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ, तो तेहरान के केंद्र में स्थित शासन के ठिकानों पर भी सटीक हमले किए जाएंगे।


अब जब ईरान के केंद्रीय बैंक को आतंकवादी संस्था के रूप में मान्यता दी गई है, तो इजरायली कंपनियों के लिए इससे किसी भी प्रकार का लेन-देन करना संभव नहीं होगा, जिससे ईरानी अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।