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ईरान के खिलाफ अमेरिका की कड़ी चेतावनी: ट्रंप का बयान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के हवाई क्षेत्र पर अमेरिका के नियंत्रण का दावा किया है और ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने की चेतावनी दी है। उनका यह बयान इजरायल-ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच आया है, जिसने वैश्विक नेताओं में हलचल मचा दी है। ट्रंप ने जी-7 शिखर सम्मेलन से लौटते समय ईरान के नागरिकों को शहर खाली करने की सलाह दी। जानें इस स्थिति के पीछे की पूरी कहानी और अमेरिका-ईरान के बीच के समझौते के बारे में।
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ईरान के खिलाफ अमेरिका की कड़ी चेतावनी: ट्रंप का बयान

ईरान-इजरायल तनाव के बीच ट्रंप का बयान

ईरान-इजरायल संघर्ष: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह दावा किया है कि अमेरिका अब ईरान के हवाई क्षेत्र पर पूरी तरह से नियंत्रण रखता है। उन्होंने कहा कि ईरान के पास अच्छे हथियार और स्काई ट्रैकर हैं, लेकिन वे अमेरिका के मुकाबले बेहतर नहीं हैं। ट्रंप का यह बयान इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच आया है, जिसने न केवल ईरान में बल्कि वैश्विक नेताओं में भी हलचल मचा दी है।


ट्रंप की चेतावनी

ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने की अपील

ट्रंप ने ईरान को स्पष्ट चेतावनी दी कि उसे परमाणु हथियार बनाने की प्रक्रिया तुरंत बंद करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "तेहरान के निवासियों को तुरंत शहर छोड़ देना चाहिए। ईरान को उस समझौते पर हस्ताक्षर करना चाहिए था, जिसके बारे में मैंने उनसे बात की थी। मुझे लोगों की जान जाने का दुख है। मैं बार-बार कह चुका हूं कि हम ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देंगे। सभी को तुरंत तेहरान छोड़ देना चाहिए।"


अमेरिका और ईरान के बीच समझौता

क्या है समझौता?

अमेरिका ने 2018 में ईरान के साथ संयुक्त व्यापक कार्य योजना (GCPOA) से खुद को अलग कर लिया था। इस समझौते में यह तय किया गया था कि ईरान सैन्य उद्देश्यों के लिए परमाणु हथियार विकसित नहीं करेगा। हालांकि, ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम नागरिक उद्देश्यों के लिए है, लेकिन अमेरिका और इजरायल को इस पर संदेह है।


जी-7 शिखर सम्मेलन से ट्रंप की वापसी

डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन को समय से पहले छोड़कर अमेरिका लौटने का निर्णय लिया। उन्होंने मंगलवार रात तक कनाडा में रहने की योजना बनाई थी। जी-7 नेताओं ने इजरायल का समर्थन करते हुए एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि उसे अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है, जिससे ईरान नाराज हो गया।

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाकई ने जी-7 नेताओं के संयुक्त बयान में इजरायल की "खुली आक्रामकता" को नजरअंदाज करने की बात कही, जिसमें ईरान की शांतिपूर्ण परमाणु सुविधाओं पर अवैध हमले और नागरिकों की हत्या शामिल है।