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ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर IAEA की रिपोर्ट से बढ़ी वैश्विक चिंता

IAEA की ताजा रिपोर्ट ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर वैश्विक चिंताओं को बढ़ा दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान का कार्यक्रम शांतिपूर्ण नहीं है और यह परमाणु हथियार बनाने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। इजरायल के प्रधानमंत्री ने इसे स्पष्ट चेतावनी बताया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। ईरान ने हमेशा अपने कार्यक्रम को शांतिपूर्ण बताया है, लेकिन पश्चिमी देशों को इस पर विश्वास नहीं है। रिपोर्ट के प्रमुख बिंदुओं और इजरायल की प्रतिक्रिया के बारे में जानें।
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ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर IAEA की रिपोर्ट से बढ़ी वैश्विक चिंता

IAEA की रिपोर्ट से बढ़ी चिंताएं

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) द्वारा जारी की गई नई रिपोर्ट ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर वैश्विक चिंताओं को और बढ़ा दिया है। इस रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण नहीं है और यह परमाणु हथियार बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे "स्पष्ट चेतावनी" करार देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से त्वरित कार्रवाई की अपील की है।


गोपनीय रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु

IAEA की गोपनीय रिपोर्ट में बताया गया है कि ईरान ने तीन गुप्त स्थलों पर अघोषित परमाणु गतिविधियों को अंजाम दिया है, जिसमें अघोषित परमाणु सामग्री का उपयोग किया गया है। ये गतिविधियां 2000 के दशक की शुरुआत में एक संरचित परमाणु कार्यक्रम का हिस्सा थीं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि 17 मई 2025 तक ईरान ने 408.6 किलोग्राम यूरेनियम को 60% तक समृद्ध किया है, जो पिछले फरवरी की तुलना में 133.8 किलोग्राम की वृद्धि है। यह समृद्धि स्तर परमाणु हथियार बनाने के लिए आवश्यक 90% के करीब है।


इजरायल की प्रतिक्रिया

इजरायल की कड़ी प्रतिक्रिया

इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने IAEA की रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है। नेतन्याहू ने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम केवल उन देशों में देखा जाता है जो परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ईरान के "शांतिपूर्ण" दावों को खारिज करते हुए इसे एक स्पष्ट चेतावनी बताया है कि तेहरान अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को पूरा करने के लिए दृढ़ है।


ईरान का पक्ष

ईरान का दावा और विवाद

ईरान हमेशा से यह दावा करता आया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। हालांकि, IAEA और पश्चिमी देशों को इस पर विश्वास नहीं है। ईरान ने 2018 में अमेरिका के परमाणु समझौते से बाहर निकलने के बाद IAEA के निरीक्षणों को सीमित कर दिया और कई निगरानी कैमरों को बंद कर दिया, जिससे उसके कार्यक्रम की पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं।


अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अंतरराष्ट्रीय चिंता और मांग

IAEA के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने ईरान से पूर्ण सहयोग और पारदर्शिता की मांग की है। उन्होंने कहा कि बिना IAEA के सत्यापन के ईरान के "शांतिपूर्ण" दावों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। ग्रॉसी ने यह भी चेतावनी दी कि ईरान और पश्चिमी देशों के बीच कूटनीतिक समाधान का समय तेजी से समाप्त हो रहा है।


भविष्य की संभावनाएं

क्या है आगे की राह?

इजरायल और पश्चिमी देशों का मानना है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा है। नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि यदि समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। दूसरी ओर, ईरान ने संकेत दिया है कि यदि नया परमाणु समझौता होता है, तो वह IAEA के अमेरिकी निरीक्षकों को अपनी साइटों पर आने की अनुमति दे सकता है। हालांकि, बातचीत अभी प्रारंभिक चरण में है और इसका भविष्य अनिश्चित है।


वैश्विक कूटनीति का चैलेंज

ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर बढ़ता तनाव और IAEA की यह रिपोर्ट वैश्विक कूटनीति के लिए एक बड़ा चैलेंज है। अब यह देखना होगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति से कैसे निपटता है।